घरेलू बाजार को आकर्षक बनाकर भारत बन सकता है कपड़ा विनिर्माण केंद्र : मंत्रालय |

घरेलू बाजार को आकर्षक बनाकर भारत बन सकता है कपड़ा विनिर्माण केंद्र : मंत्रालय

घरेलू बाजार को आकर्षक बनाकर भारत बन सकता है कपड़ा विनिर्माण केंद्र : मंत्रालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : December 27, 2021/10:27 pm IST

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत दुनिया में कपड़ा विनिर्माण के केंद्र के रूप में उभर सकता है, लेकिन इसके लिए घरेलू बाजार को आकर्षक बनाने, उच्चस्तरीय कपड़ा मशीनरी तथा तकनीकी वस्त्र और मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) जैसे उभरते क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत होगी।

कपड़ा क्षेत्र के लिए वर्ष के अंत की अपनी समीक्षा में कपड़ा मंत्रालय ने वर्ष, 2021 के दौरान की गई विभिन्न पहलों की जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि इसमें 4,445 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ सात प्रधानमंत्री मेगा इंटिग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन और अपैरल (एमआईटीआरए) पार्कों की स्थापना को मंजूरी भी शामिल है।

मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने एमएमएफ, एमएमएफ यार्न, एमएमएफ फैब्रिक और परिधान पर समान माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर 12 प्रतिशत अधिसूचित की है। इससे एमएमएफ कपड़ा मूल्य श्रृंखला में उलट कर ढांचे को हल करने में मदद मिली है। परिवर्तित दरें एक जनवरी, 2022 से लागू होंगी।

इससे एमएमएफ खंड को बढ़ने और देश में एक बड़े रोजगार प्रदाता के रूप में उभरने में मदद मिलेगी।

कपड़ा मंत्रालय ने कहा कि पीएम मित्र पार्कों के तहत विश्वस्तरीय औद्योगिक बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और विदेशी निवेश/स्थानीय निवेश को आकर्षित करेगा।

इसमें कहा गया है कि पीएम एमआईटीआरए पार्क, प्रति पार्क लगभग एक लाख प्रत्यक्ष और दो लाख अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा।

मंत्रालय ने कहा कि टेक्सटाइल के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना विशेष रूप से उच्च मूल्य पर केंद्रित है और कपड़ा मूल्य श्रृंखला के एमएमएफ और तकनीकी वस्त्र खंड का विस्तार कर रही है।

इसमें कहा गया है कि मार्च, 2024 तक राज्य और केंद्रीय करों और लेवी की छूट (आरओएससीटीएल) योजना को जारी रखने को मंजूरी का केंद्र का कदम भारतीय परिधान और तैयार वस्त्र की निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में मददगार होगा।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘घरेलू कपड़ा और परिधान उत्पादन लगभग 140 अरब डॉलर का है, जिसमें 40 अरब डॉलर का कपड़ा और परिधान निर्यात भी शामिल है। कपड़ा और परिधान उद्योग ने वर्ष 2019 में भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दो प्रतिशत और जीवीए में कुल विनिर्माण में 11 प्रतिशत का योगदान दिया।’’

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)