भारत को भविष्य की प्रौद्योगिकियों का सृजन करने वाले संस्थान बनाने होंगे: भारतीय-अमेरिकी अधिकारी |

भारत को भविष्य की प्रौद्योगिकियों का सृजन करने वाले संस्थान बनाने होंगे: भारतीय-अमेरिकी अधिकारी

भारत को भविष्य की प्रौद्योगिकियों का सृजन करने वाले संस्थान बनाने होंगे: भारतीय-अमेरिकी अधिकारी

:   Modified Date:  June 4, 2023 / 03:06 PM IST, Published Date : June 4, 2023/3:06 pm IST

(ललित के झा)

सिलिकॉन वैली, चार जून (भाषा) प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल के एक भारतीय-अमेरिकी वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि भारत सरकार को ऐसे संस्थान बनाने होंगे जो भविष्य की प्रौद्योगिकियां तैयार करें। उन्होंने कहा कि भारत को उद्यम कोष भी स्थापित करना होगा।

गूगल की कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग इकाई के पीपल ऑपरेशंस के निदेशक नवनीत माथुर ने कहा कि प्रौद्योगिकी में अग्रणी देश हर मामले में आगे हैं और वे लोगों के लिए धन पैदा करते हैं और उन्हें गरीबी से बाहर निकालते हैं।

उनका यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी महीने अमेरिका की आधिकारिक यात्रा से पहले और महत्वपूर्ण हो जाता है।

राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के आमंत्रण पर भारत के प्रधानमंत्री अमेरिका आ रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति और प्रथम महिला 22 जून को राजकीय भोज में मोदी की मेजबानी करेंगे।

माथुर ने इसी सप्ताह पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, “भविष्य उनका है, जिनके पास प्रौद्योगिकी की ताकत है। चारों तरफ देखें, अगर अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान आगे हैं तो आज के समय में ताकत का मतलब प्रौद्योगिकी में ताकत से है।”

माथुर ने कहा, “मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री के तौर पर उनके (मोदी के) पास अब ऐसा करने की शक्ति है। और भविष्य के प्रधानमंत्रियों के लिए भी… चाहे वह हों या कोई और…। मुझे लगता है कि यही करने की जरूरत है क्योंकि हम सभी देश की सेवा करते हैं।”

एक सवाल के जवाब में माथुर ने कहा कि प्रधानमंत्री को तत्काल एआई के मामले में उद्यम कोष स्थापित करना चाहिए और फिर निवेश करना चाहिए क्योंकि अमेरिका कर चुका है।

उन्होंने कहा, “उन्हें एक उद्यम कोष स्थापित करना चाहिए, जो यहां कुछ स्टार्टअप का अधिग्रहण कर सकता है। सिलिकॉन वैली नवाचार के मामले में हमेशा आगे रहा है। इस क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को स्थापित किया जा सकता है, जिसे सर्वश्रेष्ठ देकर सर्वश्रेष्ठ पाया जा सकता है और भारत के हित में बहुत कुछ किया जा सकता है।”

उन्होंने कहा कि उद्यम कोष जरूरी नहीं कि अरबों में ही हो। “आप पांच करोड़ या 10 करोड़ से भी शुरू कर सकते हैं।”

भाषा अनुराग अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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