एआई क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी क्षमताओं के मामले में भारत तीसरे स्थान पर: रिपोर्ट

एआई क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी क्षमताओं के मामले में भारत तीसरे स्थान पर: रिपोर्ट

एआई क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी क्षमताओं के मामले में भारत तीसरे स्थान पर: रिपोर्ट
Modified Date: December 14, 2025 / 07:31 pm IST
Published Date: December 14, 2025 7:31 pm IST

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ‘ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी टूल’ की हालिया रिपोर्ट में भारत ने कृत्रिम मेधा (एआई) में विश्व की प्रतिस्पर्धी क्षमताओं के मामले में तीसरा स्थान हासिल किया है।

‘ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी टूल’ शोध एवं विकास, प्रतिभा, अवसंरचना सहित सात प्रमुख क्षेत्रों में हुई प्रगति का आकलन करता है।

नवंबर में जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने चार स्थान की छलांग लगाई है और कृत्रिम मेधा में प्रतिस्पर्धी क्षमता के मामले में ब्रिटेन के साथ-साथ एशिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और जापान को पीछे छोड़ दिया है।

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वर्ष 2024 के ‘ग्लोबल वाइब्रेंसी’ सूचकांक में भारत 21.59 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। इसके बाद दक्षिण कोरिया (17.24 अंक) और ब्रिटेन (16.64 अंक) का स्थान है।

भारत 2023 में सातवें स्थान पर था जबकि ब्रिटेन छठे से पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों ने वैश्विक कृत्रिम मेधा व्यवस्था में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए हाल के वर्षों में कई प्रमुख योजनाओं को दोबारा सक्रिय किया है।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एआई इंडेक्स रिपोर्ट 2025 में देशों की रैंकिंग वर्ष 2024 की ‘ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी रैंकिंग’ के आधार पर प्रस्तुत की गई है।

भाषा योगेश जितेंद्र

जितेंद्र


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