भारत ‘वैश्विक दक्षिण’ के साथ एआई मॉडल साझा करने को तैयारः आईटी सचिव

भारत 'वैश्विक दक्षिण' के साथ एआई मॉडल साझा करने को तैयारः आईटी सचिव

भारत ‘वैश्विक दक्षिण’ के साथ एआई मॉडल साझा करने को तैयारः आईटी सचिव
Modified Date: July 25, 2025 / 09:42 pm IST
Published Date: July 25, 2025 9:42 pm IST

नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस कृष्णन ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार समुचित क्षमता और मुकाम हासिल करने के बाद ‘वैश्विक दक्षिण’ के साथ अपने कृत्रिम मेधा (एआई) मॉडल को साझा करने के लिए तैयार है।

कृष्णन ने यहां उद्योग मंडल फिक्की के कार्यक्रम ‘भाषांतर 2025’ को संबोधित करते हुए कहा कि भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी का विकास अर्थव्यवस्था में बड़ा मूल्यवर्धन ला सकता है। इस प्रौद्योगिकी से लोग बिना किसी बाधा के संवाद कर पाएंगे।

उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव ने अपनी हाल की भारत यात्रा के दौरान एआई-संबंधित कार्यों की सराहना की थी।

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कृष्णन ने कहा, ‘उन्होंने चर्चा के दौरान पूछा था कि क्या भारत अपनी एआई क्षमताएं ‘वैश्विक दक्षिण’ के साथ साझा करने को तैयार होगा। इस पर हम कह चुके हैं कि हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं।’

वैश्विक दक्षिण समूह में दुनिया के विकासशील एवं अल्प-विकसित देश आते हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग लिखने के बजाय आवाज-आधारित संचार पसंद करते हैं और इस मामले में भारत वास्तव में नेतृत्व कर सकता है।

सरकार ने एआई-आधारित भाषा अनुवाद प्रौद्योगिकी के विकास के लिए ‘भाषिणी परियोजना’ शुरू की है।

कृष्णन ने ‘इंडिया एआई मिशन’ के माध्यम से अधिक कंप्यूटिंग क्षमता और डेटा सेट उपलब्ध कराने की बात भी कही।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


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