भारत का बाह्य कर्ज जून के अंत में 554.5 अरब डॉलर रहा

भारत का बाह्य कर्ज जून के अंत में 554.5 अरब डॉलर रहा

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  • Publish Date - September 30, 2020 / 02:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) देश पर विदेशी कर्ज जून के अंत में 554.5 अरब डॉलर रहा। यह मार्च 2020 की तुलना में 3.9 अरब डॉलर कम है।

रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि जीडीपी (सकल घरेलू अनुपात) अनुपात के रूप में विदेशों से कर्ज जून 2020 में बढ़कर 21.8 प्रतिशत पहुंच गया जो 31 मार्च को 20.6 प्रतिशत था।

अमेरिकी डॉलर की विनिमय दर में यूरो और येन जैसी मुद्राओं की तुलना में गिरावट के कारण मूल्यांकन हानि 0.7 अरब डॉलर रही।

केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘मूल्यांकन प्रभाव को छोड़ दिया जाए तो बाह्य कर्ज में जून 2020 में मार्च 2020 के मुकाबले 3.9 डॉलर के बजाए 4.5 अरब डॉलर की कमी आती।’’

आंकड़े के अनुसार कुल विदेशी कर्ज में वाणिज्यिक कर्ज की हिस्सेदारी सर्वाधिक 38.1 प्रतिशत बनी रही। उसके बाद गैर-प्रवासियों का जमा (23.9 प्रतिशत) और अल्पकालीन व्यापार घाटा (18.2 प्रतिशत) का स्थान रहा।

रिजर्व बैंक के अनुसार 30 जून की स्थिति के अनुसार दीर्घकलीन कर्ज (एक साल से अधिक अवधि के) 449.5 अरब डॉलर रहा। यह मार्च 2020 के स्तर से 2 अरब डॉलर कम है।

कुल बाह्य कर्ज में अल्पकालीन ऋण की हिस्सेदरी 30 जून, 2020 को घटकर 18.9 प्रतिशत रही जो मार्च 2020 के अंत में 19.1 प्रतिशत थी।

केंद्रीय बैंक के अनुसार कुल कर्ज में अमेरिकी डॉलर में कर्ज की हिस्सेदारी सर्वाधिक 53.9 प्रतिशत रही। उसके बाद क्रमश: भारतीय रुपया (31.6 प्रतिशत), येन (5.7 प्रतिशत), एसडीआर (4.5 प्रतिशत) और यूरो (3.5 प्रतिशत) का स्थान रहा।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर