भारत अपनी बुनियादी स्थिति के अनुरूप रेटिंग में सुधार के लिये प्रयास करे : मुख्य आर्थिक सलाहकार

भारत अपनी बुनियादी स्थिति के अनुरूप रेटिंग में सुधार के लिये प्रयास करे : मुख्य आर्थिक सलाहकार

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  • Publish Date - January 30, 2021 / 01:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) भारत को अपनी मजबूत आर्थिक स्थिति के अनुरूप विभिन्न वैश्विक एजेंसियों द्वारा अपनी सॉवरेन रेटिंग में सुधार के लिये लगातार प्रयास करने होंगे। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्यन ने शनिवार को यह कहा।

शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में मजबूत आर्थिक बुनियाद के बावजूद फिच, एसएंडपी और मूडीज जैसी एजेंसियों द्वारा की गयी कम रेटिंग पर चिंता व्यक्त की गयी थी।

सुब्रमण्यन ने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमने रेटिंग एजेंसियों के समक्ष अपना पक्ष बेहद मजबूती से रखा है। ये बदलाव समय के साथ होते हैं। वे तुरंत नहीं होते हैं, लेकिन आपको प्रयास जारी रखना होगा।’’

समीक्षा में कहा गया है कि सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग पद्धति को अर्थव्यवस्थाओं की कर्ज चुकाने की क्षमता और इच्छा को प्रतिबिंबित करने के लिये संशोधित किया जाना चाहिये। समीक्षा में सुझाव दिया गया कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को रेटिंग पद्धति में निहित इस पूर्वाग्रह को दूर करने के लिये एक साथ आना होगा।

समीक्षा में कहा गया, ‘‘कभी भी रेटिंग के इतिहास में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को निवेश के सबसे निचले पायदान (बीबीबी-/बीएए3) में नहीं रखा गया है। चूंकि सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांतों को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं, इससे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफपीआई) प्रवाह को नुकसान पहुंचता है।’’

इसलिये यह आवश्यक है कि देश इस मामले को क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के समक्ष उठाये और उन्हें पद्धति में बदलाव लाने को कहे।

वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने भारत की रेटिंग को निवेश ग्रेड रेटिंग के सबसे निचले स्तर पर रखा है। यह सबसे श्रेणी से बस एक पायदान ही ऊपर है।

भाषा सुमन अजय

अजय