एफपीआई में भारत अव्वल, 2020-21 में 2.6 लाख करोड़ रुपये की हुई आवक

एफपीआई में भारत अव्वल, 2020-21 में 2.6 लाख करोड़ रुपये की हुई आवक

एफपीआई में भारत अव्वल, 2020-21 में 2.6 लाख करोड़ रुपये की हुई आवक
Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 pm IST
Published Date: March 31, 2021 12:42 pm IST

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) भारत वित्त वर्ष 2020-21 में सबसे अधिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) पाने वाला देश बनकर उभरा है और इस दौरान कुल अंतर्प्रवाह 2.6 लाख करोड़ रुपये रहा।

विशेषज्ञों ने बताया कि वैश्विक बाजारों में नकदी की अधिकता और तेजी से आर्थिक सुधारों की उम्मीद के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारत में सबसे अधिक निवेश किया।

इस दौरान इक्विटी खंड में निवेश 2.74 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया, जो राष्ट्रीय प्रतिभूति डिपॉजिटरी लिमिटेड द्वारा सार्वजनिक रूप से एफपीआई डेटा उपलब्ध कराने के बाद से अब तक सबसे अधिक है।

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इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 में इक्विटी खंड में 1.4 लाख करोड़ रुपये की सबसे अधिक आमद हुई थी।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजय कुमार ने कहा कि खासतौर से वित्तीय क्षेत्र, बंधक ऋणदाता, फिनटेक कंपनियां और निजी बीमा कंपनियों ने एफपीआई प्रवाह को आकर्षित किया।

उन्होंने कहा कि आईटी, वित्तीय, सीमेंट और फार्मा क्षेत्र का अच्छा प्रदर्शन जारी रह सकता है, इसलिए वित्त वर्ष 22 में एफपीआई प्रवाह में वृद्धि हो सकती है।

एफपीआई ने 2020-21 में कुल 2.74 लाख करोड़ रुपये इक्विटी खंड में डाले, जबकि ऋण खंड से कुल 24,070 करोड़ रुपये निकाले, मिलेजुले इंस्ट्रूमेंट ने 10,238 करोड़ रुपये की आमद देखी।

इस तरह चालू वित्त वर्ष में 30 मार्च 2021 तक कुल एफपीआई आमद 2.6 लाख करोड़ रुपये रही।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर


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