नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को संसद में कहा कि भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) में सीमा पार डेटा प्रवाह और डेटा स्थानीयकरण की समीक्षा के प्रावधान हैं ताकि आवश्यकतानुसार डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम 2025 की उभरती आवश्यकताओं के अनुरूप प्रतिबद्धताओं को बनाए रखा जा सके।
वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सीईटीए के ढांचे के तहत डेटा-स्थानीयकरण प्रतिबद्धताओं के संबंध में एक विचारशील और सतर्क दृष्टिकोण अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, ब्रिटेन के साथ हस्ताक्षरित सीईटीए समझौते में कोई डेटा स्थानीयकरण लेख या प्रावधान नहीं हैं। तथापि, समझौते में सीमा पार डेटा प्रवाह और डेटा स्थानीयकरण की समीक्षा के प्रावधान हैं ताकि आवश्यकतानुसार डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम 2025 की उभरती आवश्यकताओं के अनुरूप प्रतिबद्धताओं को बनाए रखा जा सके।
प्रसाद ने कहा कि दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की है कि कोई भी पक्षकार, व्यवसाय संचालित करने की शर्त के रूप में, दूसरे पक्षकार के किसी व्यक्ति के स्वामित्व वाले सॉफ़्टवेयर के स्रोत कोड के हस्तांतरण या उस तक पहुँच की आवश्यकता नहीं रखेगा।
भाषा अविनाश पाण्डेय
पाण्डेय