मुंबई, 19 मार्च (भाषा) भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ते व्यापार तनावों के बावजूद खपत में सुधार और कृषि क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन के रूप में अपना जुझारूपन बरकरार रखे हुए है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को अपने एक बुलेटिन में यह बात कही।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मार्च बुलेटिन में प्रकाशित ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर एक लेख के मुताबिक, वैश्विक अर्थव्यवस्था का जुझारूपन व्यापार तनावों और सीमा शुल्क के दायरे, समय और तीव्रता के बारे में अनिश्चितता की बढ़ती लहर से परखा जा रहा है।
इसमें कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ने के साथ इसने वैश्विक वृद्धि में सुस्ती को लेकर आशंकाएं भी पैदा की हैं।
बुलेटिन के मुताबिक, इन चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन और उपभोग में सुधार के रूप में स्पष्ट रूप से अपनी जुझारू क्षमता का प्रदर्शन कर रही है।
हालांकि, लेख में कहा गया है कि उथल-पुथल भरे विदेशी माहौल की गूंज निरंतर विदेशी पोर्टफोलियो निकासी में दिखाई दे रही है।
लेख के मुताबिक, इन चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत की व्यापक आर्थिक ताकत फरवरी, 2025 में खाद्य कीमतों में नरमी से मुख्य मुद्रास्फीति के सात महीने के निचले स्तर 3.6 प्रतिशत पर आने से मजबूत हुई है।
आरबीआई ने कहा कि इस लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और केंद्रीय बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)