देश में बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षमता मार्च तक चार गुना से अधिक होकर 219 मेगावाट पर: रिपोर्ट

देश में बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षमता मार्च तक चार गुना से अधिक होकर 219 मेगावाट पर: रिपोर्ट

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  • Publish Date - July 10, 2024 / 04:28 PM IST,
    Updated On - July 10, 2024 / 04:28 PM IST

नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) देश में बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षमता इस साल मार्च तक चार गुना से अधिक होकर 219 मेगावाट घंटा हो गई है। अमेरिकी की स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी शोध और परामर्श कंपनी मेरकॉम कैपिटल ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

देश में बीते वर्ष मार्च तक कुल बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षमता 47.6 मेगावाट घंटा (एमडब्ल्यूएच) थी।

रिपोर्ट के अनुसार, कुशल नवीकरणीय एकीकरण और ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए ‘ग्रिड कनेक्टिविटी’ नियमन जैसे नीतिगत कदम उठाये गये हैं।

‘भारत में ऊर्जा भंडारण परिदृश्य’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ये उपाय ऊर्जा भंडारण की मांग को बढ़ा रहे हैं।

परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए वित्तपोषण (वीजीएफ) कार्यक्रम का लक्ष्य चार गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) स्थापित करना है। इसे 37.6 अरब रुपये (45.2 ​​करोड़ डॉलर) के बजट के जरिये समर्थन दिया गया है।

परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए वित्त पोषण, ऊर्जा भंडारण दायित्व (ईएसओ) और ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं के लिए बोली दिशानिर्देश…नवीकरणीय ऊर्जा के साथ या उसके बिना… देश की ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2013 में छोटी पायलट परियोजनाओं के साथ ऊर्जा भंडारण क्षमता जोड़ना शुरू किया और मार्च, 2024 तक, देश की संचयी स्थापित ऊर्जा भंडारण क्षमता 219.1 मेगावाट घंटा तक पहुंच गयी।

स्थापित क्षमता में से 120 मेगावाट घंटा अकेले इस वर्ष जनवरी-मार्च अवधि में जोड़ी गई।

मेरकॉम कैपिटल ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राज प्रभु ने कहा, ‘‘हालांकि भारत अब भी विकास के शुरुआती चरण में है, लेकिन ऊर्जा भंडारण के लिए एक उभरता हुआ बाजार है। नवीकरणीय ऊर्जा में तेज वृद्धि के बावजूद, ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में गति धीमी है। इससे कुल मिलाकर ग्रिड की स्थिरता पर असर पड़ सकता है।’

उन्होंने कहा, ‘‘ऊर्जा बदलाव लक्ष्यों को पूरा करने और नवीकरणीय ऊर्जा में तेजी से हो रही वृद्धि का बेहतर तरीके से प्रबंधन करने के लिए सरकार को ऊर्जा भंडारण को प्राथमिकता देनी चाहिए। अन्य देशों में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ी है, लेकिन पर्याप्त भंडारण क्षमता नहीं होने के कारण उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इससे बचने के लिए ऊर्जा भंडारण को प्राथमिकता देना जरूरी है।’’

भाषा रमण अजय

अजय