देश का चालू खाता मार्च तिमाही में 13.5 अरब डॉलर के अधिशेष में: आरबीआई

देश का चालू खाता मार्च तिमाही में 13.5 अरब डॉलर के अधिशेष में: आरबीआई

देश का चालू खाता मार्च तिमाही में 13.5 अरब डॉलर के अधिशेष में: आरबीआई
Modified Date: June 27, 2025 / 06:16 pm IST
Published Date: June 27, 2025 6:16 pm IST

मुंबई, 27 जून (भाषा) भारत का चालू खाता वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में 13.5 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) के अधिशेष में रहा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 4.6 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.5 प्रतिशत) था। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

किसी देश के चालू खाते से यह पता चलता है कि संबंधित देश ने निर्यात से कितना कमाया और आयात पर कितना खर्च किया। इसके अलावा निवेश से आय और हस्तांतरण से जुड़े लेन-देन भी इसमें शामिल होते हैं।

देश का चालू खाता पिछले वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में 11.3 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.1 प्रतिशत) के घाटे में था।

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सालाना आधार पर देश का चालू खाता घाटा 2024-25 के दौरान 23.3 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) रहा जो 2023-24 के दौरान रहे 26 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.7 प्रतिशत) के घाटे से कम है। इसका मुख्य कारण उच्च शुद्ध अदृश्य प्राप्तियां हैं।

रिजर्व बैंक की ‘चौथी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन में घटनाक्रम’ रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च तिमाही में 59.5 अरब डॉलर का वस्तु व्यापार घाटा हुआ जबकि 2023-24 की चौथी तिमाही में यह 52 अरब डॉलर था।

हालांकि, वस्तु व्यापार घाटा 2024-25 की तीसरी तिमाही के 79.3 अरब डॉलर के मुकाबले कम रहा।

शुद्ध सेवा प्राप्तियां बढ़कर 2024-25 की चौथी तिमाही में 53.3 अरब डॉलर हो गईं जो एक साल पहले की समान अवधि में 42.7 अरब डॉलर थीं।

व्यावसायिक सेवाओं और कंप्यूटर सेवाओं जैसी प्रमुख श्रेणियों में सेवा निर्यात में सालाना आधार पर वृद्धि हुई है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


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