निर्यात मई में 2.17 प्रतिशत घटकर 38.73 अरब डॉलर, व्यापार घाटा 21.88 अरब डॉलर पर

निर्यात मई में 2.17 प्रतिशत घटकर 38.73 अरब डॉलर, व्यापार घाटा 21.88 अरब डॉलर पर

निर्यात मई में 2.17 प्रतिशत घटकर 38.73 अरब डॉलर, व्यापार घाटा 21.88 अरब डॉलर पर
Modified Date: June 16, 2025 / 08:13 pm IST
Published Date: June 16, 2025 8:13 pm IST

नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) देश का निर्यात मई में 2.17 प्रतिशत घटकर 38.73 अरब डॉलर रह गया। वहीं व्यापार घाटा इस दौरान 21.88 अरब डॉलर रहा। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी मिली।

इससे पहले, दो महीनों तक निर्यात में वृद्धि दर्ज की गयी थी।

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मई में आयात सालाना आधार पर 1.7 प्रतिशत घटकर 60.61 अरब डॉलर रहा। इस दौरान खासतौर से सोना और कच्चे तेल का आयात घटा।

आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-मई 2025-26 के दौरान निर्यात 3.11 प्रतिशत बढ़कर 77.19 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात आठ प्रतिशत बढ़कर 125.52 अरब डॉलर रहा। व्यापार घाटा 48.33 अरब डॉलर था।

मई में निर्यात और आयात में गिरावट के चलते व्यापार घाटा कम हो गया। पिछले साल इसी महीने यह 22.51 अरब डॉलर तथा इस साल अप्रैल में यह 26.42 अरब डॉलर था।

बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते वस्तुओं के निर्यात में कमी आई। ईरान-इजराइल युद्ध के कारण में और दबाव देखने को मिल सकता है।

मई में नकारात्मक वृद्धि दर्ज करने वाले मुख्य निर्यात क्षेत्रों में चावल, लौह अयस्क, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग और कुछ कपड़ा खंड के सामान शामिल थे।

इस दौरान पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 30.32 प्रतिशत घटकर 5.6 अरब डॉलर रह गया। इसी तरह कच्चे तेल और सोने का आयात 26.14 प्रतिशत और 12.6 प्रतिशत घटकर क्रमश: 14.75 अरब डॉलर और 2.5 अरब डॉलर रह गया। हालांकि चाय, कॉफी, मसाले, सभी प्रकार के वस्त्र, रसायन, समुद्री उत्पाद और फार्मा के निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है।

मई में इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात 54.1 प्रतिशत बढ़कर 45.7 अरब डॉलर हो गया।

इन आंकड़ों पर वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत निर्यात के मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।

उन्होंने कहा, ”वैश्विक स्तर पर व्यापार को नीतिगत अनिश्चितता, जारी संघर्ष के बावजूद, व्यापार के मोर्चे पर हमने (अप्रैल-मई के दौरान) बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।”

बर्थवाल ने कहा कि पेट्रोलियम की कीमतें अस्थिर हैं। पिछले दो महीनों के दौरान कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है और इसका निर्यात पर असर पड़ा।

बर्थवाल ने कहा, ”अगर आप वैश्विक तस्वीर देखें…हम वैश्विक औसत से कहीं बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी मंत्रालय 20 देशों और छह क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा।

सेवाओं के मोर्चे पर, मई में निर्यात 32.39 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जबकि मई 2024 में यह 29.61 अरब डॉलर था। दूसरी ओर, आयात बढ़कर 17.14 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 16.88 अरब डॉलर था।

निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल स्थिति के बावजूद, भारत के समग्र निर्यात (वस्तु और सेवाओं को मिलाकर) ने मई 2025 में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर मजबूती दिखाई है…।’’

उन्होंने कहा, ‘‘निर्यातक कठिन वैश्विक माहौल के साथ अच्छी तरह से तालमेल बिठा रहे हैं। विशेष रूप से पश्चिम एशिया में लॉजिस्टक संबंधी व्यवधानों के बावजूद निर्यात वृद्धि को बनाए रखने की क्षमता, इस क्षेत्र की मजबूती और नीतिगत समर्थन का प्रमाण है।’

रल्हन ने कहा, ‘‘उचित नीतिगत उपायों और 2025 की दूसरी छमाही में वैश्विक हालात के स्थिर होने की उम्मीद के साथ, भारत एक मजबूत निर्यात वृद्धि के रास्ते पर फिर से लौटने के लिए अच्छी स्थिति में है।’

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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