देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 8-8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: पीएचडी चैंबर |

देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 8-8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: पीएचडी चैंबर

देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 8-8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: पीएचडी चैंबर

:   Modified Date:  April 17, 2024 / 07:37 PM IST, Published Date : April 17, 2024/7:37 pm IST

नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने बुधवार को कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 8.0 से 8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

उद्योग मंडल ने कहा कि देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अगले 23 साल तक औसतन 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और 2047 तक इसके 34,700 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। उस समय तक प्रति व्यक्ति आय 21,000 डॉलर होगी।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुख्य अर्थशास्त्री एस पी शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘देश में वृद्धि के लिहाज से बुनियाद मजबूत है। इसके साथ हमारा चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 8.0 से 8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘2035 के बाद वृद्धि दर उच्चस्तर से धीरे-धीरे नीचे आएगी और औसतन यह अगले 23 साल 6.7 प्रतिशत रहेगी।’’

उद्योग मंडल ने एक रिपोर्ट में देश को 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सुझाव दिये।

पीएचडी चैंबर ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए व्यापार करने की लागत को कम करने और फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों), सूचना प्रौद्योगिकी, वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर क्षमता बढ़ाने की सिफारिश की है। साथ ही सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया है।

इसके अलावा, स्टार्टअप परिवेश को निरंतर सहयोग देने का आह्वान किया है। निर्यात के लिए क्षमता बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। इसके तहत वैश्विक व्यापार में निर्यात मात्रा बढ़ाने के लिए संभावित 75 उत्पादों पर ध्यान देने की बात कही गयी है।

उद्योग मंडल ने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए सुधार उपायों का भी सुझाव दिया है।

पीएचडी चैंबर ने 10-सूत्री सुझाव के तहत नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए 2047 तक स्थापित क्षमता को 1,500 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) तक बढ़ाने की सिफारिश की है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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