नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) भारत की सौर मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता के 2025 के अंत तक बढ़कर 95,000 मेगावॉट पर पहुंचने का अनुमान है। शोध कंपनी मेरकॉम कैपिटल की ताजा रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
पिछले साल सितंबर तक सौर मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता 39,000 मेगावॉट की थी।
‘भारत में सौर पीवी विनिर्माण की स्थिति’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की सौर मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता सितंबर, 2022 के अंत तक 39,000 मेगावॉट थी, जिसके साल 2025 के अंत तक बढ़कर 95,000 मेगावॉट पर पहुंचने का अनुमान है।
रिपोर्ट कहती है कि भारत के फोटोवोल्टिक (पीवी) विनिर्माता अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने तथा आगामी वर्षों में नई प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए सरकार के प्रोत्साहन कार्यक्रमों की वजह से रणनीतिक रूप से तैयार हैं।
सितंबर, 2022 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘उच्च दक्ष सौर पीवी मॉड्यूल के राष्ट्रीय कार्यक्रम’ पर 19,500 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी थी। इसके पीछे लक्ष्य क्षेत्र में 94,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने का है।
भाषा अजय अजय रमण
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