औद्योगिक उत्पादन वृद्धि मार्च में हल्की सुस्ती के साथ 4.9 प्रतिशत रहीः सरकारी आंकड़ा

औद्योगिक उत्पादन वृद्धि मार्च में हल्की सुस्ती के साथ 4.9 प्रतिशत रहीः सरकारी आंकड़ा

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  • Publish Date - May 10, 2024 / 06:55 PM IST,
    Updated On - May 10, 2024 / 06:55 PM IST

नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) मुख्य रूप से खनन क्षेत्र का प्रदर्शन खराब होने से देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि मार्च में मासिक आधार पर मामूली रूप से घटकर 4.9 प्रतिशत रही। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2024 में देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 4.9 प्रतिशत बढ़ गया। देश में औद्योगिक उत्पादन की गतिविधियों को आईआईपी के जरिये आंका जाता है।

औद्योगिक उत्पादन वृद्धि फरवरी 2024 में 5.6 प्रतिशत रही थी जबकि मार्च 2023 में यह 1.9 प्रतिशत थी।

समूचे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रही जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 5.2 प्रतिशत थी।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मार्च में खनन उत्पादन वृद्धि घटकर 1.2 प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 6.8 प्रतिशत बढ़ी थी।

मार्च में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर एक साल पहले के 1.5 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 5.2 प्रतिशत हो गई। मार्च में बिजली उत्पादन में भी 8.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष के समान महीने में इसमें 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

उपयोग-आधारित वर्गीकरण के मुताबिक, मार्च 2024 में पूंजीगत उत्पाद खंड की वृद्धि एक साल पहले की अवधि के 10 प्रतिशत से घटकर 6.1 प्रतिशत हो गई।

इस साल मार्च में टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों का उत्पादन 9.5 प्रतिशत बढ़ा जबकि मार्च 2023 में इसमें आठ प्रतिशत की गिरावट आई थी।

वहीं गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 1.9 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

आंकड़ों के मुताबिक, बुनियादी ढांचा/ निर्माण वस्तुओं ने मार्च 2024 में 6.9 की वृद्धि दर्ज की, जबकि एक साल पहले की अवधि में इसकी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत थी।

इस साल मार्च में प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक साल पहले 3.3 प्रतिशत थी। मध्यवर्ती उत्पाद खंड में वृद्धि 5.1 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 1.8 प्रतिशत थी।

भाषा प्रेम प्रेम निहारिका

निहारिका