उद्योग निकाय एसईए ने अल नीनो के प्रभाव के चलते रैपसीड-सरसों के उत्पादन का अनुमान घटाया

उद्योग निकाय एसईए ने अल नीनो के प्रभाव के चलते रैपसीड-सरसों के उत्पादन का अनुमान घटाया

उद्योग निकाय एसईए ने अल नीनो के प्रभाव के चलते रैपसीड-सरसों के उत्पादन का अनुमान घटाया
Modified Date: June 12, 2024 / 05:23 pm IST
Published Date: June 12, 2024 5:23 pm IST

नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) उद्योग निकाय एसईए ने बुधवार को प्रमुख उत्पादक राज्यों पर अल नीनो के प्रभाव का हवाला देते हुए फसल वर्ष 2023-24 के लिए देश के रैपसीड-सरसों के उत्पादन अनुमान को घटाकर एक करोड़ 15.8 लाख टन कर दिया।

मार्च में, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने रैपसीड-सरसों के उत्पादन का अनुमान एक करोड़ 20.9 लाख टन लगाया था।

एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि उत्पादन अनुमान घटाने के बावजूद इसके पिछले साल के एक करोड़ 11.8 लाख टन के स्तर को पार करने की उम्मीद है।

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अल नीनो की घटना चिलचिलाती गर्मी की लहरों और फसल पकने के दौरान मिट्टी की नमी में भारी कमी से चिह्नित होती है। एसईए ने कहा कि सबसे अधिक उत्पादन करने वाले राज्य राजस्थान में रैप-सरसों का उत्पादन अब फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में 45.3 लाख टन होने का अनुमान है, जो पहले के 46.1 लाख टन के अनुमान से कम है।

इसी तरह, उत्तर प्रदेश में उत्पादन कम यानी 17.9 लाख टन, मध्य प्रदेश में कम यानी 16 लाख टन और हरियाणा में कम यानी 11.7 लाख टन रहने की उम्मीद है।

इस साल रैप-सरसों की खेती का रकबा पांच प्रतिशत बढ़कर एक करोड़ हेक्टेयर से अधिक हो गया है, लेकिन पैदावार पिछले साल के 1,168 किलोग्राम से घटकर 1,151 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रहने की उम्मीद है।

रैप-सरसों बीज, देश की सर्दियों के दौरान उगाई जाने वाली प्रमुख तिलहन फसल है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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