International Senior Citizenship Day: बुजुर्गो की मदद करने वाले स्टार्टअप में रतन टाटा ने जताया भरोसा, निवेश की इतनी रकम
देश के जाने माने इंडस्ट्रियलिस्ट रतन टाटा नें अंतराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस के मौके पर, एक स्टार्टप में इंवेस्ट किया है। जिसका नाम है गुडफेलोज, इसका स्टार्टअप का जैसा नाम है, वैसा काम भी है। अकेले रह रहे बुजुर्गो की यह स्टार्टप मदद करता है।
International Senior citizen Day: देश के जाने माने इंडस्ट्रियलिस्ट रतन टाटा नें अंतराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस के मौके पर, एक स्टार्टप में इंवेस्ट किया है। जिसका नाम है गुडफेलोज, इसका स्टार्टअप का जैसा नाम है, वैसा काम भी है। अकेले रह रहे बुजुर्गो की यह स्टार्टप मदद करता है। उम्र के साथ सहारे की जरुरत तो सबको होती है लेकिन यदि किसी कारण वस आपके पास ना हो तो आप इनसे सहायता ले सकते है। हमारे घर-परिवार के बुजुर्गों की सबसे बड़ी शिकायत यही होती है कि वे अलग पड़ जाते हैं। उनसे बात करने वाला कोई नहीं होता। सुविधाएं सारी मिल जाएं, लेकिन एकांत का डर उन्हें सबसे अधिक सताता है।
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अब तो वृद्ध आश्रम का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है जहां बुजुर्ग लोगों को रख दिया जाता है। संतानें आश्रम की फीस चुकाती हैं और बुजुर्ग माता-पिता वहां अपना जीवन गुजारते हैं। गुडफेलोज स्टार्टअप इस समस्या से निजात दिलाता है क्योंकि इसका काम ही है सीनियर सिटीजन को युवाओं से जोड़ना। इसका मकसद यही है कि उम्र भले बुढ़ापे का शिकार हो जाए, लेकिन कोई अकेला पन महसूस ना करे।
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क्या करता है स्टार्टप
बुजुर्गों के एकांत को खत्म करने के लिए नई पीढ़ी के लोगों से मेल कराता है। यह स्टार्टअप सब्सक्रिप्शन आधारित सर्विस देता है जिसमें युवा कॉलेज छात्रों को गुड फेलोज कहा जाता है। ये गुड फेलोज बुजुर्गों के साथ वॉक पर जाते हैं, उनसे बात करते हैं या मूवी देखने जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बुजुर्गों का एकांत खत्म किया जाए, उन्हें बातचीत में व्यस्त किया जाए ताकि अकेलेपन का अहसास न हो।

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