इरेडा ने जेनसोल से 729 करोड़ रुपये की वसूली के लिए डीआरटी दिल्ली से संपर्क साधा

इरेडा ने जेनसोल से 729 करोड़ रुपये की वसूली के लिए डीआरटी दिल्ली से संपर्क साधा

इरेडा ने जेनसोल से 729 करोड़ रुपये की वसूली के लिए डीआरटी दिल्ली से संपर्क साधा
Modified Date: May 21, 2025 / 05:09 pm IST
Published Date: May 21, 2025 5:09 pm IST

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने बुधवार को कहा कि उसने जेनसोल इंजीनियरिंग और उसकी अनुषंगी से करीब 729 करोड़ रुपये की वसूली के लिए ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) दिल्ली से संपर्क किया है।

इससे पहले, इरेडा ने संकटग्रस्त जेनसोल इंजीनियरिंग के साथ इसकी इलेक्ट्रिक वाहन लीजिंग इकाई जेनसोल ईवी लीज लिमिटेड के खिलाफ दिवाला अर्जी दायर की थी।

इरेडा ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसने जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड और जेनसोल ईवी लीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ 510,00,52,672 रुपये और 218.95 करोड़ रुपये की भुगतान चूक वाली राशि के लिए 20 मई, 2025 को ऋण वसूली न्यायाधिकरण दिल्ली के समक्ष एक ‘मौलिक’ आवेदन दायर किया है।

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एजेंसी ने 14 मई को जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ 510 करोड़ रुपये की चूक के लिए ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता, 2016 की धारा सात के तहत एक आवेदन दायर किया था।

इसने 15 मई को जेनसोल इंजीनियरिंग की अनुषंगी जेनसोल ईवी लीज लिमिटेड के खिलाफ भी 218.95 करोड़ रुपये की चूक के लिए दिवाला अर्जी दायर की।

पिछले महीने बाजार नियामक सेबी ने कंपनी का पैसा दूसरी जगह भेजने और संचालन में खामियों को लेकर जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रवर्तकों- अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया था।

सेबी के इस अंतरिम आदेश के बाद जग्गी बंधुओं ने 12 मई को कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। अनमोल सिंह जग्गी ने प्रबंध निदेशक का पद संभाला था जबकि पुनीत सिंह जग्गी पूर्णकालिक निदेशक थे।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय


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