यह कहना जल्दबाजी होगी कि ऋण मांग नहीं है, बैंक अक्टूबर से कर्ज अभियान शुरू करेंगे: सीतारमण

यह कहना जल्दबाजी होगी कि ऋण मांग नहीं है, बैंक अक्टूबर से कर्ज अभियान शुरू करेंगे: सीतारमण It is too early to say that there is no loan demand, banks will launch loan campaign from October: Sitharaman

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  • Publish Date - August 25, 2021 / 06:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

nirmala sitharaman on loans | मुंबई, 25 अगस्त (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि ऋण की मांग कम है और उन्होंने ऋण वृद्धि में मदद की लिए बैंक अक्टूबर से जिलेवार विशेष अभियान शुरू करेंगे।

महामारी के दौरान सरकार द्वारा घोषित प्रोत्साहन पैकेजों से अर्थव्यवस्था को मिली गति को इस तरह के सक्रिय प्रयासों से मदद मिलेगी।

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गौरतलब है कि 2019 के अंत में बैंकों ने ऋण वृद्धि के लिए 400 जिलों में ऋण मेलों का आयोजन किया था। इस समय ऋण वृद्धि की दर लगभग छह प्रतिशत के आसपास चल रही है।

सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी कि मांग में कमी है… मुझे नहीं लगता कि यह निष्कर्ष निकालने का समय है कि कर्ज नहीं लिया जा रहा। संकेतों का इंतजार किए बिना भी हमने ऋण वृद्धि के लिए कदम उठाए हैं।’’

उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2019 और मार्च 2021 के बीच बैंकों द्वारा सक्रिय पहल के जरिए 4.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज दिया गया।

वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल अक्टूबर में भी देश के हर जिले में कर्ज देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि सरकार ने घोषणा की है कि एनबीएफसी-एमएफआई के जरिए कर्जदारों को 1.5 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम समय-समय पर जो प्रोत्साहन दे रहे हैं, उसकी गति को बनाए रखने के लिए हमने बैंकों से बाहर निकलकर कर्ज देने के लिए भी कहा है।’’

सीतारमण ने कहा कि देश के पूर्वी हिस्सों में झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में ऋण वृद्धि में तेजी लाने की जरूरत है, जहां लोग चालू और बचत खातों में प्रमुखता से पैसा जमा कर रहे हैं।

बैंकों को पूर्वोत्तर राज्यों में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र और निर्यातकों की मदद के लिए राज्यवार योजनाएं बनाने को भी कहा गया है।

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सीतारमण यहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रही थी। उन्होंने कहा कि बैंकों से जिला स्तर पर निर्यातकों की समस्याओं का समाधान करने को कहा गया है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘एक जिला एक उत्पाद’’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने में निर्यातकों की मदद करने को कहा गया है।

इसके अलावा बैंकों से वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र की मांगों पर भी गौर करने को कहा गया है।