कोलकाता, चार दिसंबर (भाषा) भारतीय जूट मिल संघ (आईजेएमए) ने पश्चिम बंगाल सरकार से इस क्षेत्र में “गहराते संकट” को दूर करने के लिए दखल देने की मांग की है।
इसके साथ ही आईजेएमए ने चेतावनी दी है कि कीमतों को अलाभप्रद तरीके से एक निश्चित स्तर तक रोके जाने के कारण राज्य की आधी से ज़्यादा मिलें मार्च 2026 तक बंद हो सकती हैं।
पश्चिम बंगाल के श्रम मंत्री मलॉय घटक को तीन दिसंबर को लिखे एक पत्र में आईजेएमए ने कहा कि इस संकट से इस क्षेत्र की स्थिरता और मिलों में सीधे तौर पर काम करने वाले दो लाख से ज़्यादा कामगारों की रोजी-रोटी को खतरा है।
इसमें कहा गया है कि लाखों और लोग अप्रत्यक्ष तौर पर इस उद्योग पर निर्भर हैं।
आईजेएमए ने कहा कि जूट आयुक्त की 15 सितंबर की अधिसूचना ने इस क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है।
अधिसूचना में अक्टूबर के लिए 580-ग्राम ‘बी ट्विल बैग’ की कीमत सितंबर 2025 के स्तर पर और “उसके बाद अनिश्चित काल के लिए” रोक दी गई थीं।
जूट संघ ने जूट आयुक्त कार्यालय पर सीसीईए के तय मूल्य निर्धारण के तरीके को छोड़ने और बढ़ती आदान लागतों, कच्चे जूट की घटती-बढ़ती कीमतों और कोर्ट के निर्देशों को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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