कर्नाटक को 2035 तक 20 अरब डॉलर की क्वांटम-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य

कर्नाटक को 2035 तक 20 अरब डॉलर की क्वांटम-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य

कर्नाटक को 2035 तक 20 अरब डॉलर की क्वांटम-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य
Modified Date: July 16, 2025 / 10:19 pm IST
Published Date: July 16, 2025 10:19 pm IST

बेंगलुरु, 16 जुलाई (भाषा) कर्नाटक को वर्ष 2035 तक 20 अरब डॉलर की क्वांटम बढ़त-संचालित अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के साथ राज्य सरकार ने बुधवार को क्वांटम प्रौद्योगिकी क्षेत्र की वृद्धि को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

सरकार ने एक समर्पित ‘क्वांटम कार्यबल’ का गठन किए जाने की भी घोषणा करते हुए कहा कि एक रणनीतिक रूपरेखा तैयार की जाएगी।

कर्नाटक में क्वांटम पारिस्थितिकी के समग्र विकास पर चर्चा के लिए 31 जुलाई और एक अगस्त को ‘क्वांटम इंडिया बेंगलुरु शिखर सम्मेलन’ की योजना बनाई गई है।

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इस संदर्भ में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बुधवार को विधान सौध में एक उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की जिसमें प्रमुख क्वांटम प्रौद्योगिकी कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, कर्नाटक के लघु सिंचाई, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री एन एस बोसराजू, उद्योग मंत्री एम बी पाटिल और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खरगे ने इस बैठक में शामिल प्रतिभागियों को अपने दृष्टिकोण से अवगत कराया।

बोसराजू ने कहा कि कर्नाटक सरकार राज्य को क्वांटम क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के नेतृत्व में एक रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसके मार्गदर्शन के लिए एक समर्पित कार्यबल बनाने पर मुख्यमंत्री से परामर्श करेंगे। हमारी सरकार इस मिशन का समर्थन करने के लिए आवश्यक नीतियां बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

बोसराजू ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य वर्ष 2035 तक कर्नाटक को 20 अरब डॉलर की क्वांटम बढ़त-संचालित अर्थव्यवस्था बनाना है। इसे ध्यान में रखते हुए 31 जुलाई और एक अगस्त को भारत का पहला ‘क्वांटम इंडिया कॉन्क्लेव’ आयोजित किया जाएगा।’’

इस अवसर पर उद्योग मंत्री एम बी पाटिल ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य कर्नाटक को क्वांटम प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाना है।

बैठक में उद्योग प्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र के विस्तार में मदद के लिए समर्पित भूमि और सहायक नीतियों की जरूरत बताई।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय


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