कश्मीर में धान की खेती के लिए भूमि हो रही कम
कश्मीर में धान की खेती के लिए भूमि हो रही कम
श्रीनगर, 4 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने कृषि जमीन को अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाने पर भले ही पूर्ण पाबंदी लगा दी है, लेकिन इसके बावजूद कश्मीर में हजारों एकड़ कृषि भूमि का उपयोग आवास निर्माण और अन्य विकास कार्यों में हुआ है।
अधिकारियों के अनुसार, घरों, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण के कारण उपजाऊ भूमि के बड़े हिस्से का उपयोग हुआ है।
कृषि विभाग के निदेशक, मोहम्मद इकबाल चौधरी ने कहा कि पिछले कुछ साल में निर्माण और फसल विविधीकरण के कारण धान की खेती के तहत 15,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि कम हो गयी है।
चौधरी ने कहा, ‘जनगणना के अनुसार, भूमि का नियंत्रण राजस्व विभाग के पास है। सटीक आंकड़े का ध्यान राजस्व विभाग रखता है। लेकिन हमारे आंकड़ों के अनुसार, कृषि भूमि पर निर्माण और फसल विविधीकरण के कारण खेती योग्य भूमि में कमी आई है। वर्तमान में, हमारे पास धान की खेती 1.30 लाख हेक्टेयर है, पहले यह 1.46 लाख हेक्टेयर थी।”
किसानों को चिंता है कि खेती की जमीन कम होती जा रही है। हालांकि नये तरीकों से खेती करना आसान हो गया है और फसल पैदावार भी बढ़ी है।
कुछ किसानों ने कहा कि कृषि भूमि के बीच से सड़क निर्माण के कारण खेती योग्य भूमि भी कम हो गई है।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण

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