(LIC increased its stake, Image Credit: Meta AI)
LIC Increased its Stake: हाल ही में इन कंपनियों ने तिमाही नतीजों के साथ-साथ उनके शेयरहोल्डिंग की जानकारियां सामने आई है। जिसमें कुछ कंपनिया ऐसी है जिनमें भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। तो आइए उन कंपनियों के बारे में जानते हैं जहां एलआईसी ने निवेश बढ़ाया है।
एलआईसी ने विश्व की सबसे बड़ी टू-व्हीलर निर्माण करने वाली कंपनी हीरो मोटोकॉर्प में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। दिसंबर 2024 तिमाही तक LIC की हिस्सेदारी 5.53% थी। अब ट्रेडबेन्स की रिपोर्ट को मुताबिक, LICE ने इसमें 0.39% हिस्सेदारी और खरीदी है। इसके बाद अब कंपनी में उनकी कुल हिस्सेदारी 5.92% हो गई है। हीरो मोटोकॉर्प का मार्केट कैप 77,090 करोड़ रुपये है।
LIC ने भारत की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों में से एक लार्सन एंड टुब्रो में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। दिसंबर तिमाही के आखिरी तक एलआईसी के पास इस कंपनी में 12.61% हिस्सेदारी थी। मार्च तिमाही में एलआईसी ने 0.64% हिस्सेदारी और खरीदी है, जिससे अब उनकी कुल हिस्सेदारी 13.25% हो गई है।
एशियन पेंट्स में भी एलआईसी ने अपनी हिस्सेदारी में बढ़ोतरी की है। दिसंबर तिमाही में इसके पास 7.15% हिस्सेदारी थी। लेकिन अब एलआईसी ने 1.14% और खरीदी की है, जिसके बाद अब कंपनी में उनकी हिस्सेदारी में बढ़ोतरी के साथ 8.29% हो गई है।
मुकेश अंबानी की प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी एलआईसी ने अपनी हिस्सेदारी में बढ़ोतरी की है। मार्च तिमाही के आखिरी तक एलआईसी की हिस्सेदारी 6.52% थी। किंतु अब इसमें 0.22% की बढ़ोतरी के बाद एलआईसी की कुल हिस्सेदारी 6.74% हो गई है।
एलआईसी ने देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में भी अबनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। मार्च तिमाही के अंत तक एलआईसी की हिस्सेदारी 9.28% थी। इसने दिसंबर तिमाही की तुलना में 0.25% हिस्सेदारी और खरीदी है। जिसके बाद अब एलआईसी के पास SBI में कुल 9.53% हिस्सेदारी हो गई है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एलआईसी द्वारा इन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना एक सकारात्मक संकेत है। जो यह दर्शाता है कि एलआईसी का निवेश इन कंपनियों के भविष्य में संभावनाओं को लेकर सकारात्मक नजरिया है। यह कदम निवेशकों को यह बताता है कि एलआईसी को इन कंपनियों की लंबी अवधि में वृद्धि पर भरोसा है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।