LIC Share Price: सरकार जल्द बेच सकती है LIC में अपनी बड़ी हिस्सेदारी, जानें वजह – NSE:LICI, BSE:543526

LIC Share Price: सरकार जल्द बेच सकती है LIC में अपनी बड़ी हिस्सेदारी, जानें वजह

LIC Share Price: सरकार जल्द बेच सकती है LIC में अपनी बड़ी हिस्सेदारी, जानें वजह – NSE:LICI, BSE:543526

(LIC Share Price, Image Source: IBC24)

Modified Date: March 15, 2025 / 10:37 pm IST
Published Date: March 15, 2025 10:37 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सरकार LIC में 2-3% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है।
  • वर्तमान में सरकार के पास LIC में 96.5% हिस्सेदारी है।
  • SEBI ने 2027 तक LIC में 10% सार्वजनिक हिस्सेदारी का लक्ष्य तय किया है।

LIC Share Price: वित्तीय वर्ष 2025-26 में सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में 2-3% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। यह कदम 2027 तक LIC में कम से कम 10% सार्वजनिक हिस्सेदारी रखने की नियामक आवश्यकता को पूरा करने के लिए उठाया जा रहा है। सरकार इस बार LIC के शेयर को धीरे-धीरे बेचने की रणनीति पर काम कर रही है ताकि इसे अच्छा मूल्य मिल सके और बाजार में अचानक दबाव न बने। अगर बाजार की स्थिति अनुकूल नहीं रही, तो सरकार इस बिक्री को टाल भी सकती है।

9,500 से 14,500 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद

मौजूदा समय में सरकार के पास LIC में 96.5% हिस्सेदारी है। मई 2022 में LIC के आईपीओ के जरिए सरकार ने 3.5% हिस्सेदारी बेचकर 21,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। अब यदि सरकार 2-3% हिस्सेदारी बेचती है, तो कंपनी के मौजूदा 4.8 लाख करोड़ रुपये के पूंजीकरण के आधार पर उसे करीब 9,500 से 14,500 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। गुरुवार को LIC का शेयर मूल्य BSE पर 742 रुपये था।

2027 तक पूरी करनी होगी सार्वजनिक हिस्सेदारी

सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने पहले सरकार को मई 2024 तक LIC में 10% सार्वजनिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए कहा था, लेकिन अब इस समय सीमा को बढ़ाकर 16 मई 2027 कर दिया गया है। सरकार की कोशिश है कि हिस्सेदारी बिक्री को चरणबद्ध तरीके से किया जाए, जिससे बाजार पर कम असर पड़े और निवेशकों का भरोसा बना रहे।

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अन्य सरकारी बैंकों में भी होगी बिक्री

सरकार केवल LIC में ही नहीं, बल्कि अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में भी अपनी हिस्सेदारी घटाने की योजना बना रही है। इसके लिए वित्त मंत्रालय के निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने व्यापारी बैंकरों और कानूनी सलाहकारों से बोलियां मांगी हैं। अगले तीन सालों में इन बैंकों और संस्थानों में छोटे-छोटे हिस्से बेचे जाएंगे, जिससे सरकार को अच्छा फंड मिलने की उम्मीद है।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।