नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) अमेरिका और यूरोप के प्रमुख बाजारों में मांग घटने से वित्त वर्ष 2023-24 में समुद्री उत्पादों का निर्यात 8.74 प्रतिशत घटकर 7.37 अरब डॉलर का रहा। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
हालांकि, भारतीय निर्यातकों ने विश्वास जताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में समुद्री निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज की जाएगी क्योंकि उन्हें अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022-23 में निर्यात आठ अरब डॉलर रहा था।
निर्यातकों के मुताबिक, मांग में कमी, विकसित अर्थव्यवस्थाओं में उच्च मुद्रास्फीति और इक्वाडोर से अमेरिका तक फ्रोजन झींगे का बढ़ता निर्यात पिछले वित्तवर्ष में भारत के निर्यात में गिरावट के कुछ कारण हैं।
निर्यातक मेगा मोडा के प्रबंध निदेशक योगेश गुप्ता ने कहा कि अमेरिका के इक्वाडोर पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने के बाद भारतीय उत्पाद अब प्रतिस्पर्धा करेंगे और निर्यात बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक ऑर्डर बुक ठीक-ठाक हैं।
गुप्ता ने कहा, ‘‘अब भारत और इक्वाडोर के फ्रोजन झींगा अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करेंगे और हमें फायदा होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2024-25 में हमारा निर्यात अच्छी वृद्धि दर्ज करेगा।’’
भारत अपनी प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाकर और उच्च मूल्य वर्धित उत्पादों को अपनाकर अगले दो वर्षों में समुद्री खाद्य निर्यात को एक लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य रख रहा है।
भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 63,969.14 करोड़ रुपये (8.09 अरब डॉलर) मूल्य के 17,35,286 टन समुद्री भोजन का निर्यात कर मात्रा और मूल्य दोनों के लिहाज से समुद्री भोजन का रिकॉर्ड निर्यात हासिल किया।
मात्रा और मूल्य के मामले में फ्रोजन झींगा प्रमुख निर्यात वस्तु बने रहे और अमेरिका और चीन भारतीय समुद्री भोजन के प्रमुख आयातक बन गए।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
प्रेम