खनन मामला: ओडिशा के बकाया वसूली में टालमटोल पर शीर्ष अदालत ने जताई नाराजगी

खनन मामला: ओडिशा के बकाया वसूली में टालमटोल पर शीर्ष अदालत ने जताई नाराजगी

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  • Publish Date - October 29, 2025 / 09:18 PM IST,
    Updated On - October 29, 2025 / 09:18 PM IST

नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को ओडिशा सरकार द्वारा खनन मानदंडों का उल्लंघन करने वाले पट्टाधारकों से बकाया वसूली की कार्यवाही में टालमटोल पर ‘गंभीर नाराजगी’ जताई।

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने ओडिशा सरकार की ओर से पेश हुए वकील से कहा कि यह सुनिश्चित करना राज्य का काम है कि सरकारी राजस्व की चोरी न हो।

अधिवक्ता प्रशांत भूषण उस याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए, जिनकी याचिका पर शीर्ष अदालत ने पहले अवैध खनन से संबंधित मामले में कई आदेश पारित किए थे।

भूषण ने कहा कि यह मुद्दा खनन कंपनियों से करोड़ों रुपये के बकाया की वसूली से संबंधित है और शीर्ष अदालत ने राज्य को धनराशि वसूलने के लिए कई आदेश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि ओडिशा ने हाल ही में एक स्थिति रिपोर्ट दायर की है जिससे पता चलता है कि ‘वास्तव में केवल टालमटोल किया जा रहा है।’

पीठ ने ओडिशा के महाधिवक्ता से पूछा, ”आप क्या कदम उठा रहे हैं?” महाधिवक्ता ने पीठ से अनुरोध किया कि उन्हें कुछ समय दिया जाए ताकि वह इस मुद्दे पर मुख्य सचिव और अन्य संबंधित लोगों के साथ बैठक कर सकें।

उन्होंने कहा, ”हमें उचित समय दीजिए। जो भी कानूनी कदम उठाने की आवश्यकता होगी, मैं सुनिश्चित करूंगा कि वे उठाए जाएं।”

इस पर पीठ ने कहा, ”हम चूककर्ता पट्टाधारकों से बकाया राशि की वसूली के लिए ओडिशा राज्य द्वारा अपनाए जा रहे तरीके और कार्यप्रणाली पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हैं।”

शीर्ष अदालत ने राज्य को मामले में बेहतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक दिसंबर तक का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई तीन दिसंबर के लिए निर्धारित की।

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम