विदेशी बाजारों में भारी गिरावट से अधिकांश तेल-तिलहन के दाम टूटे

विदेशी बाजारों में भारी गिरावट से अधिकांश तेल-तिलहन के दाम टूटे

विदेशी बाजारों में भारी गिरावट से अधिकांश तेल-तिलहन के दाम टूटे
Modified Date: July 21, 2025 / 08:21 pm IST
Published Date: July 21, 2025 8:21 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) विदेशों में भारी गिरावट के बीच घरेलू तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को अधिकांश तेल-तिलहन के दाम टूटते दिखाई दिये तथा सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतों में गिरावट दर्ज हुई। सुस्त एवं नीरस कामकाज की वजह से मूंगफली तेल-तिलहन तथा सोयाबीन तिलहन के दाम पूर्ववत बने रहे।

मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में भारी गिरावट जारी है।

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बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में भारी गिरावट के बीच सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन के दाम में हानि दर्ज हुई। वहीं ऊंचे दाम के कारण मांग प्रभावित होने से सरसों तेल-तिलहन के दाम भी नुकसान के साथ बंद हुए। कमजोर कामकाज की वजह से बिनौला तेल के दाम भी गिरावट दर्शाते बंद हुए।

उन्होंने कहा कि मूंगफली का थोक दाम, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कमजोर चल रहा है। इसमें कामकाज भी कमजोर है। इस वजह से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे। जबकि बेहद सुस्त कारोबार के बीच कमजोर दाम पर बाजार में किसानों की ओर से आवक की कमी के बीच सोयाबीन तिलहन के दाम भी पूर्ववत बने रहे। महंगे दाम वाले सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) की कमजोर मांग बनी हुई है। इसके अलावा अगले दो महीने में सोयाबीन, मूंगफली और कपास की नयी खरीफ फसल भी बाजार में होगी। ऐसे में पहले का माल नहीं खप रहा तो नयी उपज के खपने और किसानों का उत्साह बनाये रखने का उपाय करने की जरूरत होगी। इसका पुख्ता इंतजाम करना होगा नहीं तो उत्पादन बढ़ाने का उद्देश्य महज सपना बना रहेगा।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को इस बात की गहराई से जांच करनी चाहिये कि कपास का उत्पादन क्यों घट रहा है और क्या इसमें वायदा कारोबार के कुछ सट्टेबाजों का हाथ है? वे कौन लोग हैं जो उत्पादन लागत के 100 प्रतिशत का दाम जानबूझकर वायदा कारोबार में कम यानी 75 प्रतिशत तक ही लगवाते हैं। उन्हें चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी और देखा जाता है कि ऐसे ही तत्व तिलहनों का वायदा कारोबार खुलवाने की वकालत भी करते हैं।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,325-7,375 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,875-6,250 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,290-2,590 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 16,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,670-2,770 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,670-2,805 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 10,970 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,650 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,450-4,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,150-4,250 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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