बाजार की मांग के अनुरूप एमएसएमई इकाइयों को खुद को ढालना होगा : मुख्यमंत्री योगी

बाजार की मांग के अनुरूप एमएसएमई इकाइयों को खुद को ढालना होगा : मुख्यमंत्री योगी

बाजार की मांग के अनुरूप एमएसएमई इकाइयों को खुद को ढालना होगा : मुख्यमंत्री योगी
Modified Date: May 6, 2025 / 07:48 pm IST
Published Date: May 6, 2025 7:48 pm IST

लखनऊ, छह मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश की सूक्ष्म, लघु और मझोली (एमएसएमई) इकाइयों को बदलते बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार खुद को निरंतर ढालना (अद्यतन) होगा।

मंगलवार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा एमएसएमई केंद्र है, इसलिए इस क्षेत्र से जुड़े युवाओं की क्षमता संवर्धन के लिए ठोस रणनीति अपनाई जाए।

उन्होंने निर्देश दिए कि ‘सीएम-युवा’ योजना के अंतर्गत नए उद्यमियों को ऋण देने से पूर्व उन्हें विधिवत और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण अवश्य प्रदान किया जाए।

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योगी ने इस क्षेत्र के समग्र विकास, उद्यमिता के विस्तार, रोजगार सृजन और निर्यात वृद्धि के लिए आवश्यक दिशानिर्देश दिए।

यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की एमएसएमई इकाइयां स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को गति देने के साथ-साथ बड़े उद्योगों के लिए एंकर यूनिट के रूप में भी कार्य कर रही हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयां सक्रिय हैं, जो राज्य के कुल निर्यात में करीब 46 प्रतिशत का योगदान कर रही हैं और 1.65 करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘लोकल टू ग्लोबल’ और ‘ब्रांड यूपी’ के मंत्र को साकार करने के लिए एमएसएमई क्षेत्र को रणनीतिक रूप से अधिक सशक्त बनाए जाने पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पारंपरिक शिल्पकला, कृषि आधारित उत्पादन और नवाचार पर आधारित उद्यमशीलता को अब वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का उपयुक्त समय है। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य की योजनाएं युवाओं, महिलाओं, उद्यमियों और ग्रामीण समाज के आर्थिक सशक्तीकरण को केंद्र में रखकर बनाई जाएं और इनकी सतत निगरानी भी सुनिश्चित हो।

स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वित्त वर्ष 2023-24 में ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ (सीएम युवा) के अंतर्गत 3.21 लाख से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया है, जबकि 56 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एक लाख वार्षिक लक्ष्य के अनुरूप योजना के लाभार्थियों को समयबद्ध रूप से ऋण वितरण हो। इसके लिए बैंकिंग संस्थानों से समन्वय सशक्त किया जाए।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ऋण देने से पूर्व चयनित युवाओं को विधिवत प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है।

‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना प्रदेश की पारंपरिक शिल्पकला और लघु उद्योगों के पुनर्जीवन का आधार बनी है। वर्ष 2018 से अबतक 635 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी वितरित की जा चुकी है और लाखों लाभार्थियों को प्रशिक्षण, विपणन, डिज़ाइन और अन्य तकनीकी सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री ने ओडीओपी उत्पादों की वैश्विक ब्रांडिंग, पैकेजिंग और डिज़ाइन को और बेहतर बनाकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में उन्हें सक्षम बनाए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश के 77 उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (जीआई) का दर्जा प्राप्त है, जिससे राज्य देश में अग्रणी है। 25 अन्य उत्पादों के लिए जीआई दर्जे की प्रक्रिया प्रगति पर है।

भाषा आनन्द नोमान अजय

अजय


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