गैस मूल्य निर्धारण की नई व्यवस्था से सीएनजी, पाइपगैस की कीमतें घटेंगी

गैस मूल्य निर्धारण की नई व्यवस्था से सीएनजी, पाइपगैस की कीमतें घटेंगी

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  • Publish Date - April 7, 2023 / 06:08 PM IST,
    Updated On - April 7, 2023 / 06:08 PM IST

नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) सरकार ने प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को संशोधित किया है, जिससे सीएनजी और पाइपलाइन से आने वाली रसोई गैस की कीमतों में 9-11 प्रतिशत की कटौती होगी। हालांकि विश्लेषकों ने कहा कि ईंधन को नियमन मुक्त किये जाने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश को मान लिया है, जिसमें घरेलू स्तर पर उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत को आयातित कच्चे तेल के मासिक औसत मूल्य के 10 प्रतिशत तक रखने की बात कही गई थी। हालांकि, यह कीमत चार डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश ताप इकाई (एमएमबीटीयू) से कम नहीं होगी। इसके लिए ऊपरी मूल्य सीमा 6.5 डॉलर प्रति इकाई तय की गई है।

इस फैसले से सरकार को अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले कीमतों को बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी।

क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि किरीट पारिख समिति की प्रमुख सिफारिशों को स्वीकार करने के साथ, वाहनों में इस्तेमाल होने वाली संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) और पाइपलाइन से आने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में 9-11 प्रतिशत की कमी हो सकती है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अगर पिछली मूल्य निर्धारण व्यवस्था जारी रहती, तो कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती थी। हालांकि, सरकार ने 2027 तक कीमतों को पूरी तरह से नियमन मुक्त करने की समिति की सिफारिश पर कदम नहीं उठाया है।

उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, ”हमें नहीं पता कि नियमन से मुक्त किये जाने के मामले को स्थगित कर दिया गया है या अभी के लिए रोक दिया गया है।”

मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि दरों में दो साल तक बदलाव नहीं होगा और उसके बाद सालाना 0.25 अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी की जाएगी। इससे पहले 2027 तक नियमन मुक्त करने के लिए हर साल 0.50 डॉलर प्रति यूनिट की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव था।

एक विश्लेषक ने कहा कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी चुनावी मुद्दा बन सकती थी। पारिख समिति ने यह सिफारिश भी की थी कि गैस को माल और सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत लाना चाहिए।

राज्य स्तर पर वैट की जगह जीएसटी जैसे सामान्य कराधान से बाजार को विकसित करने में मदद मिलेगी।

अभी यह नहीं पता है कि मंत्रिमंडल ने इस सिफारिश को स्वीकार किया या नहीं।

क्रिसिल ने कहा कि संशोधित गैस मूल्य निर्धारण मानदंड से शहरी गैस वितरकों को गैस की कीमतों में अधिक स्थिरता मिलेगी और वे वैकल्पिक ईंधन के साथ प्रतिस्पर्धी बने रहेंगे।

अगस्त 2021 से अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों में उछाल के कारण सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में 80 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

पाण्डेय