नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) की चेयरपर्सन रश्मि सलूजा ने शुक्रवार को कहा कि बर्मन परिवार के खिलाफ उनकी कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं है।
बर्मन परिवार का वित्तीय सेवा कंपनी के नियंत्रण को लेकर प्रबंधन के साथ विवाद जारी है।
बर्मन परिवार की चार इकाइयों- एमबी फिनमार्ट, पूरन एसोसिएट्स, वीआईसी एंटरप्राइजेज और मिल्की इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी के माध्यम से आरईएल में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
बर्मन ने 25 सितंबर 2023 को सार्वजनिक शेयरधारकों से 26 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए खुली पेशकश की घोषणा की थी। करीब 2,116 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की योजना को लेकर आरईएल प्रबंधन और बर्मन के बीच विवाद खड़ा हो गया था।
खुली पेशकश की बोली के तुरंत बाद बर्मन ने पूंजी बाजार नियामक सेबी से चेयरपर्सन द्वारा भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन और अपनी पसंद के निदेशक मंडल की नियुक्ति की शिकायत की थी।
सभी आरोपों का खंडन करते हुए सलूजा ने कहा, ‘‘ पिछले छह वर्षों से बर्मन सहित सभी शेयरधारकों के साथ हमारे शानदार संबंध रहे हैं। उन्होंने कंपनी में केवल प्रगति और पिछले छह वर्षों में प्रबंधन के काम करने के तरीके को देखते हुए निवेश किया है।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उन्हें संगठन के हित में समाधान ढूंढने में बहुत खुशी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह पूरी तरह से निदेशक मंडल द्वारा उठाई गई चिंताओं पर आधारित होगा, जिसे अन्य के समक्ष रखा जाना चाहिए… आगे जो भी फैसला होगा वह संगठन के हित में होगा। हम चाहते हैं कि शेयर की कीमत बढ़े, हम चाहते हैं कि कल ही मूल्य का पता चल जाए।’’
सलूजा ने कहा, ‘‘ मेरा बर्मन परिवार के खिलाफ कोई निजी मामला नहीं है। मैं पिछले छह साल से कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर यहां हूं। मेरा किसी के खिलाफ कोई मामला नहीं है…उनके चाहने से मैं रूक नहीं सकती…मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। मेरा एक हित है और वह है कंपनी का हित।’’
‘प्रॉक्सी’ सलाहकार कंपनी इनगवर्न रिसर्च द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट पर सलूजा ने कहा कि कंपनी ने उन्हें नोटिस भेजा है, क्योंकि इससे कंपनी की छवि धूमिल हुई है।
बर्मन इकाइयों द्वारा 2,116 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह अभी तक पारित नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि नियामक निदेशक मंडल द्वारा उठाई गई चिंताओं पर विचार कर रहे हैं। एक बार जब वे अपनी चिंताओं को स्पष्ट कर देंगे, तो निदेशक मंडल खुली पेशकश पर निर्णय लेगा।
सलूजा ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद आरईएल के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। रेटिंग एजेंसियों ने भी इसकी रेटिंग में सुधार कर इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि नियामक पूरी तरह से संतुष्ट हैं। कर्मचारियों का मनोबल भी ऊंचा है और कंपनी में शायद ही कोई कमी आई हो।
सलूजा ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में एकीकृत राजस्व 6,299 करोड़ रुपये रहा, जो गत वित्त वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। शुद्ध लाभ 217 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 31 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
भाषा निहारिका रमण
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