नयी दिल्ली, पांच सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अमेरिकी ऑनलाइन भुगतान मंच पेपाल की याचिका पर केंद्र से अपना पक्ष रखने को कहा है। इस याचिका में धनशोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों का पालन करने के आदेश को चुनौती दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने पेपाल की याचिका पर सुनवाई के बाद वित्त मंत्रालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में अपना पक्ष रखने को कहा। इस मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।
पेपाल ने अपनी याचिका में उच्च न्यायालय की एकल पीठ के 24 जुलाई के आदेश को चुनौती दी गई है। एकल पीठ ने कहा था कि भुगतान प्रणाली परिचालन से जुड़े होने के नाते पेपाल को पीएमएलए कानून के प्रावधानों का पालन करना होगा।
वित्त मंत्रालय की वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू) ने धनशोधन संबंधी सूचनाएं नहीं देने के आरोप में पेपाल पर 96 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। लेकिन एकल पीठ ने जुर्माना हटा दिया था।
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