विदेशों में तेजी के रुख से तेल-तिलहन कीमतों में सुधार |

विदेशों में तेजी के रुख से तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

विदेशों में तेजी के रुख से तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : July 24, 2021/5:34 pm IST

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को विभिन्न खाद्य तेल कीमतों में सुधार देखने को मिला। तेजी के रुख की वजह से सरसों और सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में मजबूती आई।

बाजार सूत्रों ने बताया कि विदेशी बाजारों में तेजी रही। मलेशिया एक्सचेंज बंद रहा लेकिन शिकॉगो एक्सचेंज में शुक्रवार देर रात को वायदा कारोबार में सोयाबीन डीगम के दिसंबर डिलिवरी वाले अनुबंध की कीमत में दो प्रतिशत की तेजी आई। राजस्थान के नीमच में सोयाबीन दाना का प्लांट डिलिवरी भाव 9,225 रुपये क्विन्टल हो गया जो एक रिकॉर्ड है। जबकि महाराष्ट्र के नांदेड में सोयाबीन दाना का प्लांट डिलिवरी हाजिर भाव 9,200 रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इससे पॉल्ट्री वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की घरेलू मांग को देखते हुए सरकार को इसके निर्यात पर रोक लगा देनी चाहिये। सोयाबीन की अगली फसल अक्टूबर में आयेगी।

सूत्रों ने बताया कि तेल आयातकों की हालत खस्ता है और जिस भाव पर वे आयात कर रहे हैं, उन्हें यहां उससे कम कीमत पर उसे बेचना पड़ रहा है। इससे बैंकों के कर्ज डूबने की आशंका हो सकती है। यही हाल तेल रिफायनिंग कंपनियों का है जो भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन दाने की कमी की वजह से राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे कई स्थानों पर तेल पेराई मिलें लगभग 80 प्रतिशत की संख्या में बंद हो चुकी हैं।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन जैसा हाल कहीं सरसों का न हो, इसके लिए सरकार की ओर से हाफेड को बाजार भाव से सरसों की खरीद कर इसका स्टॉक जमा कर लेना चाहिये। ताकि उसकी पेराई मिलें भी चलें और आगामी बिजाई के समय सरसों बीज की किल्लत न होने पाये। तेल मिलों के पास सरसों का थोड़ा बहुत स्टॉक बचा है जबकि व्यापारियों के पास कोई स्टॉक नहीं रह गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष हाफेड इन्हीं दिनों में प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख बोरी सरसों की बिक्री करता था, जब उसके पास स्टॉक जमा था।

सरसों सलोनी का आगरा और कोटा में भाव 8,100 रुपये से बढ़कर 8,200 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।

सूत्रों ने कहा कि सामान्य कारोबार के बीच मांग कमजोर रहने से मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

मांग होने से बिनौला तेल के साथ-साथ सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी सुधार दर्ज हुआ।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 7,725 – 7,775 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना – 5,845 – 5,990 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,300 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,205 – 2,335 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,500 -2,550 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,600 – 2,710 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 15,000 – 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,050 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,850 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,450 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,400 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,400 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,350 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,300 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 9,000 – 9,050, सोयाबीन लूज 8,850 – 8,900 रुपये

मक्का खल (सरिस्का) 3,800 रुपये

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)