नयी दिल्ली, एक जनवरी (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) शनिवार से बिना मुखिया वाली कंपनी बन गई। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे मूल्यवान कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुभाष कुमार सेवानिवृत्त हो गए हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक उनके स्थान पर नए प्रमुख की घोषणा नहीं की है।
कुमार ओएनजीसी के निदेशक-वित्त थे और वह पिछले साल अप्रैल से चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी देख रहे थे। ओएनजीसी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि कुमार 31 दिसंबर, 2021 को सेवानिवृत्त हो गए हैं।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के 28 दिसंबर, 2021 के आदेश के हवाले से कंपनी ने कहा है कि निदेशक (ऑनशोर) अनुराग शर्मा को एक जनवरी, 2022 से निदेशक (वित्त) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
हालांकि, इस आदेश में यह नहीं बताया गया है कि चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक का प्रभार किसे दिया जा रहा है।
आमतौर पर सरकार किसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के निदेशक या चेयरमैन के सेवानिवृत्त होने से कम से कम दो-माह पहले उनके उत्तराधिकारी की घोषणा कर देती है।
लेकिन ओएनजीसी के मामले में ऐसा नहीं हुआ है। कंपनी के आखिरी पूर्णकालिक प्रमुख शशि शंकर 31 मार्च, 2021 को सेवानिवृत्त हुए थे। उनके स्थान पर किसी और चयन नहीं किया गया। कंपनी के निदेशक मंडल में सबसे वरिष्ठ निदेशक कुमार को चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।
सूत्रों ने बताया कि इस बार किसी को प्रभार नहीं दिया गया है।
एक सूत्र ने कहा कि सामान्य तौर पर मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) किसी निदेशक के सेवानिवृत्त होने से कम से कम दो दिन पहले उनके स्थान पर नियुक्ति की घोषणा कर देती है। लेकिन ओएनजीसी के मामले में शनिवार सुबह तक इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली थी।
भाषा अजय अजय पाण्डेय
पाण्डेय
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