ऑनलाइन विवाद समाधान पोर्टल से एमएसएमई को भुगतान के मामलों की सुनवाई में तेजीः राष्ट्रपति

ऑनलाइन विवाद समाधान पोर्टल से एमएसएमई को भुगतान के मामलों की सुनवाई में तेजीः राष्ट्रपति

ऑनलाइन विवाद समाधान पोर्टल से एमएसएमई को भुगतान के मामलों की सुनवाई में तेजीः राष्ट्रपति
Modified Date: June 27, 2025 / 04:07 pm IST
Published Date: June 27, 2025 4:07 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि विवाद समाधान के लिए जारी ऑनलाइन पोर्टल सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को भुगतान में देरी से संबंधित मामलों में तेजी से सुनवाई और निर्णय लेने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

मुर्मू ने ‘विश्व एमएसएमई दिवस’ के अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के समक्ष मौजूद चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि ऑनलाइन पोर्टल इस दिशा में एक अहम कदम है।

उन्होंने एमएसएमई उद्यमों की वित्त तक पहुंच, बड़ी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा और भुगतान में देरी जैसी चुनौतियों का भी उल्लेख किया।

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मुर्मू ने कहा कि सरकार के प्रयासों से पंजीकृत एमएसएमई की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘आज पेश किया गया ऑनलाइन विवाद समाधान पोर्टल एमएसएमई को भुगतान में देरी से संबंधित मामलों में तेजी से सुनवाई और निर्णय लेने में महत्वपूर्ण साबित होगा।’

उन्होंने युवा महिलाओं से व्यवसाय स्थापित करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज की दुनिया जलवायु परिवर्तन और तेजी से विकसित हो रही प्रौद्योगिकी से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रही है।

उन्होंने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण से जुड़े लक्ष्यों के लिए भारत को प्रतिबद्ध बताते हुए कहा कि एमएसएमई में हरित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना समय की मांग है।

मुर्मू ने कहा, ‘यह (हरित प्रौद्योगिकी) न केवल एमएसएमई को मजबूत बनाएगी, उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता में सुधार करेगी, बल्कि देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद करेगी।’

उन्होंने एमएसएमई में पर्यावरण अनुकूल उपायों के लिए नवाचार को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार विभिन्न तरीकों से स्टार्टअप द्वारा नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है।

राष्ट्रपति ने एमएसएमई से जमीनी स्तर पर नवाचार को प्रोत्साहित करने का आह्वान करते हुए उन्हें ‘2047 तक विकसित भारत’ के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि अकेले एमएसएमई इकाइयां ही पूरे देश में 34 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं।

वर्तमान में, सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद (एमएसईएफसी) के पास 50,000 करोड़ रुपये के मामले लंबित हैं। यह परिषद सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों और उनके खरीदारों के बीच भुगतान संबंधी विवादों को सुलझाने के लिए राज्य सरकारों द्वारा स्थापित निकाय है।

ऑनलाइन विवाद समाधान पोर्टल को विश्व बैंक की सहायता से ऑनलाइन विवाद समाधान व्यवस्था के तहत एक उप-योजना के रूप में शुरू किया गया है। इस पोर्टल का उपयोग करके भुगतान में देरी के मामलों में सूक्ष्म और लघु उद्यमी मामले दर्ज कर सकते हैं।

उन्हें अपने उद्यम का विवरण खुद हासिल करने के लिए उद्यम पंजीकरण संख्या दर्ज करनी होगी। इसके बाद, पोर्टल मामले की सुनवाई की तारीख के बारे में सूचित करेगा जो डिजिटल माध्यम से आयोजित की जाएगी।

यह पोर्टल सुलह और मध्यस्थता के माध्यम से ऑनलाइन समाधान प्रदान करता है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


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