इलाहाबादी अमरूद पर कीट के प्रकोप से 90 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद

इलाहाबादी अमरूद पर कीट के प्रकोप से 90 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद

इलाहाबादी अमरूद पर कीट के प्रकोप से 90 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: December 2, 2020 3:01 pm IST

प्रयागराज, दो दिसंबर (भाषा) प्रयागराज जिले में अमरूद की खेती करने वाले किसानों की 90 प्रतिशत से अधिक फसल पीली मक्खी कीट के कारण बर्बादी के कगार पर है जिससे इस मौसम में सुरखा और सफेदा अमरूद मंडियों से गायब हैं।

उप निदेशक (कृषि) विनोद कुमार ने पीटीआई- भाषा को बताया कि पिछले दो साल से अमरूद पर कीटों का प्रकोप है, लेकिन इस बार तो 90 प्रतिशत तक फसल पीली मक्खी ने बर्बाद कर दी है।

उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले तक इलाहाबाद और कौशांबी जिले में 3,000 हेक्टेयर क्षेत्र में अमरूद की खेती होती थी जो अब घटकर 2700 हेक्टेयर रह गई है। इसमें इलाहाबादी अमरूद के रूप में प्रसिद्ध सुरखा की खेती 85-100 हेक्टेयर क्षेत्र में होती है। सुरखा अमरूद देखने में सुर्ख लाल होता है और इसका स्वाद भी बेजोड़ है।

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सुरखा अमरूद की खेती का गढ़ कहे जाने वाले बाकराबाद गांव के किसान मुन्नू भाई पटेल ने बताया कि जिस बाग में एक मौसम में 50,000 रुपये की आमदनी होती थी, उस बाग से 10,000 रुपये भी आय होने की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने बताया कि पीली मक्खी ने अमरूद के फल में अंडे दे दिए जिससे पूरी फसल में कीड़े लग गए और पेड़ों पर 5 प्रतिशत भी फसल खाने लायक नहीं रह गए। नवंबर से लेकर जनवरी तक आमतौर पर एक बाग से 10,000-15,000 पेटी अमरूद निकलता था। लेकिन आज स्थिति यह है कि 100-150 पेटी भी अमरूद नहीं निकल रहा है।

पटेल ने आरोप लगाया कि इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी, उद्यान अधिकारी, कृषि रक्षा अधिकारी से बात की, लेकिन अधिकारियों ने इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया। बाकराबाद में 500 बीघे में लाल अमरूद की खेती होती है।

अमरूद के बाग लेकर उसकी बिक्री करने वाले लईक अहमद ने बताया, हमने एक-एक लाख रुपये में बाग लिया है और फसल पर कीड़े लगने से हमें भारी नुकसान हुआ है।

उल्लेखनीय है कि इलाहाबादी सुरखा अमरूद को वर्ष 2006 में जीआई टैग प्रदान किया गया था।

भाषा

प्रशांत महाबीर

महाबीर


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