नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) बेहतर मानसूनी बारिश के कारण चालू खरीफ मौसम (ग्रीष्मकालीन बुआई) में अब तक धान का रकबा सात प्रतिशत बढ़कर 166.06 लाख हेक्टेयर हो गया। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
पिछले साल 19 जुलाई तक धान की बुवाई 155.65 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
शुक्रवार को कृषि विभाग ने 19 जुलाई 2024 तक खरीफ फसलों के तहत खेती के रकबे में हुई वृद्धि के आंकड़े जारी किये। आंकड़ों के अनुसार, दलहन का रकबा बढ़कर 85.79 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले सत्र में 70.14 लाख हेक्टेयर था।
हालांकि, मोटे अनाज की बुवाई का रकबा एक साल पहले के 134.91 लाख हेक्टेयर के मुकाबले कम यानी 123.72 लाख हेक्टेयर है।
गैर-खाद्य श्रेणी में तिलहनों का रकबा इस खरीफ बुवाई सत्र में अब तक 163.11 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल इसी अवधि में 150.91 लाख हेक्टेयर था। तिलहनों में सोयाबीन का रकबा 108.97 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 119.04 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कपास का रकबा इस खरीफ मौसम में अब तक पहले के 105.66 लाख हेक्टेयर के मुकाबले घटकर 102.05 लाख हेक्टेयर रह गया है।
कुल मिलाकर, सभी खरीफ फसलों के लिए कुल रकबा चालू खरीफ बुवाई मौसम में 19 जुलाई तक बढ़कर 704.04 लाख हेक्टेयर हो गया है। पिछले साल इसी अवधि में यह 680.36 लाख हेक्टेयर था।
भारत घरेलू मांग को पूरा करने के लिए खाद्य तेलों और दालों का आयात करता है। यदि कटाई तक मौसम की स्थिति अनुकूल बनी रही तो दलहन और तिलहन फसलों का अधिक रकबा होने से बम्पर उत्पादन हो सकता है।
भाषा राजेश राजेश रमण
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