नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) चालू खरीफ सत्र में अब तक धान की बुवाई का रकबा 2.71 प्रतिशत बढ़कर 409.41 लाख हेक्टेयर रहा। कुछ स्थानों पर बुवाई अभी जारी है।
कृषि मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले इसी अवधि में धान बुवाई का रकबा 398.58 लाख हेक्टेयर था।
फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र में, जून से दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ बुवाई शुरू होती है और अक्टूबर से कटाई शुरू होती है।
आंकड़ों के अनुसार, धान, मोटे अनाज और गन्ने का रकबा इस खरीफ सत्र में अब तक पिछले साल की तुलना में अधिक रहा है।
वहीं दलहन, तिलहन, जूट और मेस्टा तथा कपास का रकबा कुछ घटा है।
कृषि मंत्रालय के मुताबिक 15 सितंबर को मोटे अनाज का रकबा मामूली बढ़कर 183.11 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 181.48 लाख हेक्टेयर था।
हालांकि, इस सत्र में अब तक दलहन की बुवाई का रकबा कम यानी 121 लाख हेक्टेयर ही है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 127.57 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार तिलहन का रकबा भी मामूली घटकर 192.20 लाख हेक्टेयर रहा, जो कि पिछले साल इसी अवधि में 194.33 लाख हेक्टेयर था।
नकदी फसलों में, गन्ने की बुवाई का रकबा इस खरीफ सत्र में अब तक 59.91 लाख हेक्टेयर से अधिक है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 55.65 लाख हेक्टेयर था।
कपास खेती का रकबा पहले के 127.29 लाख हेक्टेयर की तुलना में 123.22 लाख हेक्टेयर है, जबकि जूट और मेस्टा का रकबा भी पहले के 6.98 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार कम होकर 6.58 लाख हेक्टेयर पर है।
सभी खरीफ फसलों का कुल खेती का रकबा 15 सितंबर को थोड़ा बढ़कर 1,095.43 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1,091.87 लाख हेक्टेयर था।
भाषा राजेश राजेश रमण
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