धान, दलहन की बुवाई का रकबा अबतक छह प्रतिशत बढ़कर 369 लाख हेक्टेयर पर

धान, दलहन की बुवाई का रकबा अबतक छह प्रतिशत बढ़कर 369 लाख हेक्टेयर पर

धान, दलहन की बुवाई का रकबा अबतक छह प्रतिशत बढ़कर 369 लाख हेक्टेयर पर
Modified Date: August 20, 2024 / 08:07 pm IST
Published Date: August 20, 2024 8:07 pm IST

नई दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि चालू खरीफ (ग्रीष्म) सत्र 2024-25 में अबतक धान का रकबा छह प्रतिशत बढ़कर 369.05 लाख हेक्टेयर हो गया है।

एक साल पहले की समान अवधि में धान का रकबा 349.49 लाख हेक्टेयर था।

मुख्य खरीफ फसल धान की बुवाई जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है और सितंबर से इस फसल की कटाई होती है।

 ⁠

मंत्रालय ने बयान में कहा कि इसके अतिरिक्त चालू सत्र के 20 अगस्त तक दलहन की बुवाई का रकबा बढ़कर 120.18 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 113.69 लाख हेक्टेयर था।

अरहर खेती का रकबा 40.74 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 45.78 लाख हेक्टेयर हो गया। उड़द की बुवाई का रकबा 29.52 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 28.33 लाख हेक्टेयर हो गया है।

श्री अन्न (मोटे अनाज) की बुवाई का रकबा एक साल पहले की समान अवधि के 176 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 181.11 लाख हेक्टेयर रहा है।

मोटे अनाजों में मक्के का रकबा 81.25 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 87.23 लाख हेक्टेयर हो गया।

तिलहन की बुवाई का रकबा इस खरीफ सत्र में अबतक मामूली रूप से बढ़कर 186.77 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 185.13 लाख हेक्टेयर था।

नकदी फसलों में गन्ने की बुवाई का रकबा 57.11 लाख हेक्टेयर से मामूली रूप से बढ़कर 57.68 लाख हेक्टेयर हो गया, कपास का रकबा 122.15 लाख हेक्टेयर से घटकर 111.07 लाख हेक्टेयर रह गया, जबकि जूट-मेस्ता का रकबा 6.56 लाख हेक्टेयर से घटकर 5.70 लाख हेक्टेयर रह गया।

सभी खरीफ फसलों की बुवाई का कुल क्षेत्रफल पिछले वर्ष की समान अवधि के 1,010.52 लाख हेक्टेयर की तुलना में दो प्रतिशत अधिक यानी 1,031.56 लाख हेक्टेयर रहा।

भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून वर्तमान में सक्रिय है और अच्छी प्रगति कर रहा है, तथा विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा दर्ज की गई है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


लेखक के बारे में