संसदीय समिति ने एफएसएसएआई से कहा, खाद्य सुरक्षा को गंभीरता से लें राज्य

संसदीय समिति ने एफएसएसएआई से कहा, खाद्य सुरक्षा को गंभीरता से लें राज्य

संसदीय समिति ने एफएसएसएआई से कहा, खाद्य सुरक्षा को गंभीरता से लें राज्य
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: November 21, 2020 3:09 pm IST

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) एक संसदीय समिति ने खाद्य नियामक एफएसएसएआई से कहा है कि वह खाद्य सुरक्षा के मामलों में भ्रष्टाचार और अनैतिक आचरण को गंभीरता से लेने के लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों पर दबाव बनाए, क्योंकि खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की संसदीय स्थायी समिति ने शनिवार को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के कामकाज से संबंधित अपनी कार्रवाई रिपोर्ट पेश की।

समिति ने अनैतिक आचरण को रोकने के लिए एफएसएसएआई द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों का उल्लेख किया और उम्मीद जताई कि वे भ्रष्ट आचरण पर कुछ हद तक काबू पाने में सफल होंगे।

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रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में समिति को लगता है कि इस संबंध में कुछ कड़े कदम उठाने की जरूरत है। इसलिए समिति अपनी सिफारिशों को दोहराती है और एफएसएसएआई से राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों पर इस बात के लिए दबाव बनाने का आग्रह करती है कि वे खाद्य सुरक्षा के मामलों में भ्रष्टाचार को गंभीरता से लें।’’

इसके साथ ही समिति ने खाद्य सुरक्षा निगरानी तंत्र के बारे में भी आशंका जताई।

देश में आजकल खाद्य पदार्थों में मिलावट की बढ़ती मात्रा के मुकाबले राज्यों और केंद्र के पास निरस्त लाइसेंसों की संख्या बहुत कम है। इस तरह खाद्य सुरक्षा निगरानी तंत्र को लेकर आशंकाएं बढ़ जाती है।

समिति ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन करने वालों को समय पर और उचित सजा देना जरूरी है। साथ ही इन अपराधों के लिए सजा को बढ़ाने की जरूरत भी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कानून और न्याय मंत्रालय जल्द से जल्द समस्या का हल ढूंढेंगे।

भाषा पाण्डेय सुमन

सुमन


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