Personal Loan: पर्सनल लोन नहीं चुकाया तो क्या होगा? बैंक उठा सकता है ये बड़े कदम!
Personal Loan: पर्सनल लोन नहीं चुकाया तो क्या होगा? बैंक उठा सकता है ये बड़े कदम!
(Personal Loan, Image Credit: Meta AI)
- EMI न भरने पर क्रेडिट स्कोर गिरता है।
- बैंक कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
- धोखाधड़ी पर IPC 420 में केस बन सकता है।
- वसूली एजेंसियां मानसिक दबाव बना सकती हैं।
Personal Loan: आजकल लोगों के लिए पर्सनल लोन लेना बेहद सरल और आसान हो गया है। वहीं, लोग शादी, बिजनेस, मेडिकल इमरजेंसी या अन्य जरूरतों के लिए इसे तुरंत समाधान के रूप में चुनते हैं। हालांकि बैंकों द्वारा आसान शर्तों और आकर्षक ब्याज दरों पर लोन दिए जाते हैं, परंतु इसका भुगतान समय पर करना उतना ही जरूरी होता है। अगर समय पर EMI नहीं चुकाए तो व्यक्ति इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। जिसका प्रभाव आपकी वित्तीय स्थिति और भविष्य दोनों पर पड़ता है।
क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव
EMI नहीं चुकाने पर सबसे पहला प्रभाव आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। देरी होते ही क्रेडिट ब्यूरो उसे रिपोर्ट करता है, जिससे आपका स्कोर गिर जाता है। स्कोर घटने से भविष्य में किसी भी लोन या क्रेडिट कार्ड को मंजूरी मिल पाना मुश्किल हो जाता है।
कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं
अगर आपका लगातार बकाया बना रहता है तो बैंक कोर्ट में सिविल केस फाइल कर सकते हैं। कोर्ट की अनुमति से आपकी संपत्ति कुर्क या सैलरी काटी जा सकती है। अगर बैंक को धोखाधड़ी की आशंका हो, तो IPC की धारा 420 के तहत आपराधिक केस भी दर्ज करा सकता है।
वसूली एजेंसियों से बढ़ेगा मानसिक तनाव
वहीं, अपना बैंक पैसा न वसूल पाने की स्थिति में वसूली एजेंसियों की मदद लेते हैं। ये एजेंसियां कई बार ग्राहकों पर मानसिक दबाव बनाती हैं और उन्हें सामाजिक रूप से अपमानित करने की भी कोशिश करती हैं।
क्या कहते हैं RBI के नियम?
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने वसूली एजेंसियों के लिए सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं। कोई भी एजेंसी सुबह 8 बजे से पहले या रात 8 बजे के बाद कॉल नहीं कर सकती। साथ ही अनुचित व्यवहार की शिकायत RBI या बैंकिंग लोकपाल से की जा सकती है।
समाधान के व्यावहारिक उपाय
अगर लोन चुकाना मुश्किल लग रहा हो, तो बैंक से संपर्क करें। EMI कम करवाने या लोन अवधि बढ़ाने का विकल्प चयन कर सकते हैं। वहीं, सेटलमेंट या रिस्ट्रक्चरिंग के माध्यम से भी राहत पाई जा सकती है, लेकिन इन्हें समय रहते ही अपनाना बेहतर होता है।

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