2035 तक दुनिया में पेट्रोल, डीजल की मांग उच्चतम स्तर पर होगी, लेकिन भारत में नहीं: अधिकारी

2035 तक दुनिया में पेट्रोल, डीजल की मांग उच्चतम स्तर पर होगी, लेकिन भारत में नहीं: अधिकारी

2035 तक दुनिया में पेट्रोल, डीजल की मांग उच्चतम स्तर पर होगी, लेकिन भारत में नहीं: अधिकारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 pm IST
Published Date: March 18, 2021 2:41 pm IST

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि दुनिया में पेट्रोल की मांग 2020 के दशक के अंत तक तथा डीजल की मांग 2035 तक अपने चरम पर पहुंच सकती है, लेकिन भारत में अर्थव्यवस्था का विस्तार जारी रहने के चलते इन पेट्रोलियम ईंधनों की मांग में बढ़ोतरी कम से कम 2040 तक जारी रहेगी।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के संयुक्त सचिव (रिफाइनरी) सुनील कुमार ने ‘इंडिया केम 2021’ सम्मेलन में कहा कि देश में अगले कुछ दशकों के दौरान विभिन्न ऊर्जा प्रणालियां साथ-साथ बनी रहेंगी, क्योंकि मांग मजबूत रहने की उम्मीद है।

नवीकरणीय ईंधन के विकास, वैकल्पिक ईंधन की उपलब्धता और इलेक्ट्रिक वाहनों के आगमन से आने वाले वर्षों में पेट्रोलियम ईंधन की मांग प्रभावित होगी।

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उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर 2020 के दशक के अंत तक पेट्रोल और 2035 तक डीजल की मांग अपने चरम पर होगी।’’

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि भारत में अगले कुछ दशकों के दौरान जीवाश्म ईंधन के साथ ही विभिन्न ऊर्जा प्रणालियां एक साथ बनी रहेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में पेट्रोल और डीजल की मांग भविष्य में मजबूत रहने की उम्मीद है … कम से कम 2040 तक, क्योंकि हम वृद्धि कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि नए स्रोतों के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की मांग बढ़ती रहेगी।

उन्होंने कहा कि देश में डीजल पेट्रोल की मांग जब तक चरम पर पहुंचे उस समय तक भारत के पेट्रोलियम उद्योग को नए भविष्य की तैयारी करनी चाहिए जहां कच्चे तेल को ईंधन में बदलने के बजाय सीधे रसायनों में रुपांतरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि पेट्रो-रसायन कोई विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता बनने जा रहा है।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर


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