Petrol-diesel price today 2021 : कम नहीं.. और महंगे हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, ये 5 बड़ी वजह जान आपको लगेगा झटका
Petrol-diesel price today 2021 : कम नहीं.. और महंगे हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, ये 5 बड़ी वजह जान आपको लगेगा झटका
Petrol-diesel price today 2021
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। कई शहरों में एक लीटर पेट्रोल के दाम 105 रुपए तक पहुंच गया है। दूसरी ओर डीजल भी शतक लगा दिया है। कोरोना संकट काल में लगातार हो रही कीमतों में बढ़ोतरी से आम आदमियों की कमर तोड़ दी है।
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वहीं सरकार के अगले कदम से आम आदमियों को अभी महंगाई के डोज से राहत मिलते नजर नहीं आ रहे हैं। बल्कि आपको ये जानकारी झटका लग सकता है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल के दाम और बढ़ सकते हैं। हालांकि सरकार द्वारा टैक्स में कटौती, कोरोना वैक्सीनेश में तेजी सहित अन्य गतिविधियां से पेट्रोल और डीजल के दामों में थोड़ी राहत के आसार है।
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और महंगा होगा ब्रेंट क्रूड
आज के कारोबार में ब्रेंट क्रूड 75 डॉलर के पार चला गया है। इस साल की बात करें तो क्रूड जनवरी से अबतक 46.36 फीसदी महंगा हो चुका है। वहीं बीते 1 साल में क्रूड की कीमतों में 68.21 फीसदी की तेजी आई है। एक्सपर्ट इसमें आगे और तेजी का अनुमान जता रहे हैं। एक्सपर्ट की माने तो जिस तरह से ग्लोबल इकोनॉमी खुल रही है और काम धंधे शुरू हो रहे हैं, कच्चे तेल की मांग लगातार बढ़ रही है। खासतौर से एविएशन सेक्टर से हैवी डिमांड है। ओपेक देशों के प्रोडक्शन में सुस्ती है। चार्ट देखें तो ऐसा लग रहा है कि क्रूड आने वाले दिनों में साल 2018 मिड का हाई पार कर जाएगा। तब क्रूड 83 डॉलर पर पहुंचा था।
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जानें पांच बड़ी वजह
1. दुनियाभर के देशों में वैक्सीनेशन ने रफ्तार पकड़ ली है। जिसके बाद वहां की इकोनॉमी खुल रही है। लोग अब घूमने फिरने घरों से बाहर निकल रहे हैं। क्रूड की डिमांड बढ़ने से ओपेक और अन्य क्रूड उत्पादक देशों के पास कमाई का बेहतर मौका दिख रहा है। ग्लोबल इकोनॉमी खुलने से खासतौर से इंडस्ट्री और एविएशन सेक्टर से फ्यूल की डिमांड बढ़ रही है।
2. यूएस फेड द्वारा जल्द ब्याज दरें बढ़ाए जाने के संकेत से डॉलर इंडेक्स मजबूत हुआ है तो रुपये में कमजोरी आई है। हम अपनी कुल जरूरतों का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूड आयात करते हैं। रुपया कमजोर होने से देश के आयात का खर्च बढ़ेगा, ऐसे में पेट्रोल और डीजल पर ज्यादा राहत मुश्किल है।
3. ओपेक और तेल उत्पादक अन्य देशों ने जिस तरह से प्रोडक्शन बढ़ाने की बात कही थी, अभी उसमें सुस्ती नजर आ रही है। दूसरी ओर डिमांड बढ़ रही है। डिमांड और सप्लाई का बैलेंस बिगड़ने से क्रूड महंगा होगा।
4. देश में एनजी के दूसरे विकल्पों मसलन एथेनॉल, इलेक्ट्रिक व्हीकल या ग्रीन एनर्जी पर चर्चा चल रही है। लेकिन ये लॉन्ग टर्म प्रक्रिया है और इसमें अभी काफी वक्त लगने वाला है।
5. हाल ही में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ग्लोबल मार्केट में कच्चा तेल महंगा होने की वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं। वहीं मौजूद समय में सरकार की आमदनी काफी कम हो गई है लेकिन खर्चे काफी बढ़े हैं। ऐसे में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कटौती पर बात करने का ये सही वक्त नहीं है।
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