पुलिस के डराने-धमकाने की रणनीति से चिंतित, अभिव्यक्ति की आजादी को खतरा संभव: ट्विटर

पुलिस के डराने-धमकाने की रणनीति से चिंतित, अभिव्यक्ति की आजादी को खतरा संभव: ट्विटर

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  • Publish Date - May 27, 2021 / 11:06 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:55 PM IST

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) ट्विटर ने भाजपा नेता के ट्वीट में ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ का टैग लगाने के जवाब में ‘‘पुलिस द्वारा डराने-धमकाने की रणनीति के इस्तेमाल’’ पर चिंता जताते हुए कहा है कि वह भारत में कर्मचारियों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे के बारे में चिंतित है।

ट्विटर ने साथ ही कहा कि वह देश में अपनी सेवाएं जारी रखने के लिए भारत में लागू कानूनों का पालन करने की कोशिश करेगी।

माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने कहा कि वह आईटी नियमों के उन तत्वों में बदलाव की वकालत करने की योजना बना रहा है जो ‘‘मुक्त और खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं।’’

ट्विटर ने कहा, ‘‘फिलहाल, हम भारत में अपने कर्मचारियों के संबंध में हालिया घटनाओं और अपने उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे से चिंतित हैं।’’

ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत और दुनिया भर में नागरिक समाज के कई लोगों के साथ ही हम पुलिस द्वारा धमकाने की रणनीति के इस्तेमाल से चिंतित हैं।’’

प्रवक्ता ने कहा कि वह कानून के दायरे में रहकर पारदर्शिता के सिद्धांतों, हर आवाज को सशक्त बनाने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने सोमवार को कथित ‘कोविड टूलकिट’ के बारे में एक शिकायत की जांच के संबंध में ट्विटर इंडिया को नोटिस भेजा था। दिल्ली के लाडो सराय और गुरुग्राम में ट्विटर के दफ्तरों पर पुलिस के दो दल भी पहंचे थे।

सरकार ने नए डिजिटल नियमों का बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि वह निजता के अधिकार का सम्मान करती है और व्हॉट्सऐप जैसे संदेश मंचों को नए आईटी नियमों के तहत चिन्हित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से नये नियमों को लेकर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।

नए नियमों की घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों (जिनके देश में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं) को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं।

सैन फ्रांसिस्को स्थित कंपनी ने कहा कि वह भारत को लेकर प्रतिबद्ध है, और उसकी सेवाएं सार्वजनिक बातचीत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है तथा महामारी के दौरान उसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

ट्विटर के अनुसार कंपनी मंच पर सामग्री के लिए एक व्यक्ति (अनुपालन अधिकारी) को आपराधिक रूप से उत्तरदायी बनाने, सक्रिय निगरानी की जरूरतों और उपयोगकर्ताओं के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए व्यापक प्राधिकरण की आवश्यकता को लेकर खासतौर से चिंतित है।

कंपनी ने कहा कि ये अतिरेक खतरनाक है, जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों से मेल नहीं खाता।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय