बिजली संयंत्र, एनआरएस उपभोक्ता आयातित के स्थान पर कोल इंडिया का कोयला इस्तेमाल करने को सहमत
बिजली संयंत्र, एनआरएस उपभोक्ता आयातित के स्थान पर कोल इंडिया का कोयला इस्तेमाल करने को सहमत
नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित बिजली संयंत्र और महानदी कोलफील्ड्स लि. (एमसीएल) के इस्पात और सीमेंट सहित गैर-विनियमन क्षेत्र (एनआरएस) के उपभोक्ता आयातित कोयले के स्थानापन्न के रूप में कोल इंडिया की अनुषंगी द्वारा उत्पादित कोयले का इस्तेमाल करने पर सहमत हो गए हैं।
सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत कोयले के आयात पर निर्भरता कम करने के प्रयास की दृष्टि से यह घटनाक्रम काफी महत्वपूर्ण है।
कोल इंडिया की इकाई की रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण भारत के बिजली संयंत्र और एनआरएस उपभोक्ता अभी तक कोयले का आयात कर रहे थे। ऐसे में उनके साथ इस दलील के साथ संपर्क किया गया कि एमसीएल का कोयला सकल कैलोरिफिक मूल्य विश्लेषण के आधार पर आयातित कोयले जैसा ही है।
उन्होंने आयातित कोयले का एमसीएल के कोयले से स्थानापन्न करने की सहमति दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निकट भविष्य में पेट्रोल और डीजल वाहनों का स्थान इलेक्ट्रिक वाहन ले लेंगे। इससे तेल के आयात की जरूरत काफी कम हो सकेगी।
इससे काफी विदेशी मुद्रा बचाई जा सकेगी। कोल इंडिया ने आयातकों के लिए हाजिर ई-नीलामी की एक नई श्रेणी शुरू की है। उसका इरादा विदेशों से मंगाए जाने वाले 15 करोड़ टन कोयले को घरेलू आपूर्ति से पूरा करना है।
विशेष हाजिर ई-नीलामी योजना 2020 के तहत आयात स्थानापन्न के रूप में खरीदे गए कोयले का इस्तेमाल देश में ही होगाा।
भाषा अजय अजय मनोहर
मनोहर

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