तेल, गैस ब्लॉक के लिए 10वें दौर की बोली में निषेध क्षेत्र हो सकता है शामिल

तेल, गैस ब्लॉक के लिए 10वें दौर की बोली में निषेध क्षेत्र हो सकता है शामिल

तेल, गैस ब्लॉक के लिए 10वें दौर की बोली में निषेध क्षेत्र हो सकता है शामिल
Modified Date: September 19, 2024 / 07:03 pm IST
Published Date: September 19, 2024 7:03 pm IST

नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) भारत तेल और गैस की खोज तथा उत्पादन के लिए अगले साल की शुरुआत में बोली के दसवें दौर में निषेध क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत इलाकों की पेशकश कर सकता है। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

नौवीं खुला क्षेत्र लाइसेंस नीति (ओएएलपी) दौर में पेश किए गए 28 तेल और गैस ब्लॉक के लिए बोलियां 21 सितंबर को बंद हो जाएंगी और 10वें दौर पर काम चल रहा है।

बोली का दसवां दौर तब होगा जब संसद आगामी शीतकालीन सत्र में तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) अधिनियम (ओआरडीए) 1948 में संशोधन को मंजूरी दे देगी, ताकि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले किसी भी हाइड्रोकार्बन, कोल-बेड मीथेन और शेल गैस को शामिल करने के लिए खनिज तेल की परिभाषा का विस्तार किया जा सके। यह संशोधन खनन पट्टे को पेट्रोलियम पट्टे से बदलेगा और कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से भी हटाएगा।

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अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि कानून में संशोधनों को संसद के शीतकालीन सत्र (संभवतः नवंबर/दिसंबर में) में मंजूरी मिल जाएगी। इन बदलावों से बोली के दसवें दौर के लिए संभावित बोलीदाताओं के बीच भरोसा बढ़ेगा। यह अगले साल की शुरुआत में हो सकता है।’’

अगले दौर की बोली में जिन क्षेत्रों की पेशकश किए जाने की संभावना है उनमें वे क्षेत्र शामिल होंगे जो अबतक निषेध क्षेत्र में हैं। वैसे क्षेत्रों में रणनीतिक कारणों से तेल और गैस की खोज और उत्पादन प्रतिबंधित था।

नौवें दौर की बोली की घोषणा तीन जनवरी को की गई थी और मूल बोली जमा करने की अंतिम तिथि 29 फरवरी थी। उस समयसीमा को कई बार बढ़ाया गया है, वर्तमान समयसीमा 21 सितंबर को समाप्त हो रही है।

भाषा रमण अजय

अजय


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