फंसे निवेश के एवज में प्रावधान तय नियमों से अधिक किया है: जीआईसी री

फंसे निवेश के एवज में प्रावधान तय नियमों से अधिक किया है: जीआईसी री

फंसे निवेश के एवज में प्रावधान तय नियमों से अधिक किया है: जीआईसी री
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: December 7, 2020 2:48 pm IST

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (जीआईसी- री) ने कहा है कि उसका आईएल एंड एफएस समूह, डीएचएफएल, रिलायंस कैपिटल और रिलायंस होम फाइनेंस में मार्च 2020 की स्थिति के अनुसार कुल 1,453.74 करोड़ रुपये फंसा है। कंपनी ने इसके लिये नियामकीय जरूरतों के अलावा अतिरिक्त प्रावधान किया है।

जीआईसी री ने 2019-20 की सालाना रिपोर्ट में कहा कि कंपनी का आईएल एंड एफएस समूह में निवेश 31 मार्च, 2020 की स्थिति के अनुसार 788.80 करोड़ रुपये था। कंपनी ने यह निवेश समूह के डिबेंचर में किया था।

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जीआईसी री ने सुरक्षित और असुरक्षित दोनों निवेशों के लिये 100 प्रतिशत प्रावधान किया है।

वहीं दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डलएचएफएल) में 204.80 करोड़ रुपये तथ रिलायंस कैपिटल और रिलायंस होम फाइनेंस के क्रमश: 365.26 करोड़ रुपये और 94.90 करोड़ लगे हुए हैं।

जीआईसी री ने कहा कि उसने डीएचएफएल के मामले में 100 प्रतिशत प्रावधान किया है। वहीं रिलायंस कैपिटल और रिलायंस होम फाइनेंस में निवेश के सुरक्षित हिस्से के लिये 15 प्रतिशत और असुरक्षित के लिये 100 प्रतिशत प्रावधान कर रखा है।

कंपनी ने रिपोर्ट में कहा है, ‘‘जो प्रावधान किये गये हैं, वे उपयुक्त हैं और नियमों के हिसाब से जितनी राशि रखने की जरूरत है, उससे अधिक किया है।’’

रिलायंस कैपिटल अक्टूबर 2019 में देय ब्याज का भुगतान नहीं कर पाई और वह 22 जनवरी, 2020 से एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) बन गया।

जीआईसी री को 2019-20 में 359.09 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ जबकि एक साल पहले 2018-19 में उसे 2,224.31 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर


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