नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) वाणिज्यिक बैंकों के 2,000 रुपये के नोट लेना बंद करने के बाद लोगों ने अब उच्च मूल्यवर्ग के नोट बदलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 19 कार्यालयों में कतारें लगानी शुरू कर दी हैं।
आरबीआई ने इस साल 19 मई को 2,000 रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा की थी। इस नोट की शुरुआत 2016 में नोटबंदी के बाद हुई थी। उस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी।
अपनी ताजा घोषणा में आरबीआई ने जनता और संस्थाओं से कहा था कि 2,000 रुपये के नोट को 30 सितंबर तक बैंक शाखा में जाकर जमा कर दें या बदल लें। बाद में इस तारीख को सात अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया।
इसके बाद बैंक शाखाओं में इन नोटों को जमा करने या बदलने की सुविधाएं बंद कर दी गईं।
पिछले शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि 2,000 रुपये के कुल 3.43 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ गए हैं और लगभग 12,000 करोड़ रुपये के ऐसे नोट अभी भी चलन में हैं।
लोग 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए दिल्ली सहित आरबीआई के विभिन्न कार्यालयों में कतारों में खड़े देखे गए।
व्यक्ति या संस्थाएं आरबीआई के 19 कार्यालयों में एक बार में 20,000 रुपये की सीमा तक 2,000 रुपये के नोट बदल सकते हैं।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
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