प्राकृतिक संसाधनों की बिना लाइसेंस खोज करने की व्यवहार्यता पर गौर करेगा राजस्थान: गहलोत

प्राकृतिक संसाधनों की बिना लाइसेंस खोज करने की व्यवहार्यता पर गौर करेगा राजस्थान: गहलोत

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  • Publish Date - September 28, 2020 / 02:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि राजस्थान सरकार राज्य में चांदी सहित विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों की बिना लाइसेंस के ही खोज कराये जाने की व्यवहार्यता पर गौर करेगी।

गहलोत की तरफ से यह वक्तव्य ऐसे समय सामने आया है जब धातु और खनन क्षेत्र के प्रमुख उद्योगपति अनिल अग्रवाल ने सुझाव दिया कि राजस्थान में प्राकृतिक संसाधनों की खोज को लाइसेंस मुक्त कर दिया जाना चाहिये।

गहलोत ने ‘चांदी की संभावनाओं का लाभ उठाने’ पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘आपने (अनिल अग्रवाल) सुझाव दिया कि खोज का काम बिना लाइसेंस के ही करने दिया जाना चाहिये। आपने पहले भी इस तरह का सुझाव मुझे दिया था। क्या यह केन्द्र सरकार, राज्य सरकार की तरफ से संभव है? हम इसकी व्यवहार्यता के बारे में पता लागायेंगे। यह आपका क्रांतिकारी सुझाव है।’’

गहलोत ने माना कि चांदी सहित प्राकृतिक संसाधनों का राजस्थान में अच्छा भंडार है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में राज्य में प्राकृतिक संसाधनों की खोज का काम तेज किया जायेगा और इससे पूरे देश को फायदा होगा।

वेबिनार में वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान में पूरे देश को प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराने की क्षमता है, लेकिन इसके लिये सरकार को खोज कार्य को विभिन्न शर्तों से मुक्त करना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में खोज कार्य में बहुत समस्या है … यदि राजस्थान में खोज को बंधन मुक्त कर दिया जाता है तो फिर तेल, चांदी, जस्ता … सहित तमाम क्षेत्र हैं जहां व्यापक संभावनायें हैं।’’

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने इस अवसर पर कहा कि आने वाले दिनों में उद्योगों में इस्तेमाल के लिये चांदी की मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कोविड- 19 महामारी के बादल छंटने के बाद नीति आयोग वेदांता समूह के साथ काम करने की इच्छा रखता है। इसके साथ ही राजस्थान में एक बड़ी कार्यशाला का आयोजन करने की भी जरूरत है।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर