Ravi Infrabuild Projects IPO: इंफ्रा सेक्टर की कंपनी जल्द ला सकती है IPO, SEBI की स्वीकृति का इंतजार

Ravi Infrabuild Projects IPO: इंफ्रा सेक्टर की कंपनी जल्द ला सकती है IPO, SEBI की स्वीकृति का इंतजार

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  • Publish Date - May 10, 2025 / 06:06 PM IST,
    Updated On - May 10, 2025 / 06:06 PM IST

(Ravi Infrabuild Projects IPO, Image Credit: Meta AI)

HIGHLIGHTS
  • रवि इंफ्राबिल्ड ने SEBI के पास अपना DRHP जमा किया है।
  • आईपीओ से जुटाई गई राशि का बड़ा हिस्सा कर्ज चुकाने में इस्तेमाल होगा।
  • अब तक कंपनी ने 17 से अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम किया है।

Ravi Infrabuild Projects IPO: सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की बड़ी कंपनी रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने अपना आईपीओ (Initial Public Offering) लाने की योजना बनाई है। कंपनी इसके जरिए 1100 करोड़ रुपये तक फंड जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा कर दिया है। यह IPO पूरी तरह से नए इक्विटी शेयरों का इश्यू होगा, जिसमें कोई भी ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल नहीं है।

IPO से जुटाए पैसों का उपयोग

रवि इंफ्राबिल्ड IPO से मिली रकम का उपयोग कंपनी की विकास योजनाओं में किया जाएगा। इसमें से 251 करोड़ रुपये नए निर्माण उपकरण खरीदने के लिए खर्च किए जाएंगे ताकि कंपनी की ऑपरेशनल क्षमता में बढ़ोतरी हो सके। इसके अलावा कंपनी की सहायक कंपनियों को 334 करोड़ रुपये उनके कर्ज चुकाने में मदद के लिए दिए जाएंगे। साथ ही 289 करोड़ रुपये सीधे कर्ज चुकाने के लिए रखे जाएंगे, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति और स्थिरता में सुधार होगा।

प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर भी विचार

कंपनी 220 करोड़ रुपये तक के प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर भी विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो आईपीओ का साइज उतने ही हिस्से में कम कर दिया जाएगा। इस पेशकश का प्रबंधन मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स लिमिटेड और एक्सिस कैपिटल लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।

कंपनी की पृष्ठभूमि और कार्य

रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की शुरुआत 26 फरवरी 2009 को हुई थी। पहले यह एक प्राइवेट कंपनी थी, जिसे बाद में 2023 में लिमिटेड कंपनी में परिवर्तित किया गया। कंपनी ने अब तक NHAI, सड़क परिवहन मंत्रालय और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर 17 से अधिक प्रोजेक्ट्स पर काम किया है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इसकी मजबूत मौजूदगी है।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड का आईपीओ कितने करोड़ रुपये का होगा?

कंपनी ने 1100 करोड़ रुपये तक का आईपीओ लाने की योजना बनाई है।

क्या यह आईपीओ ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल करेगा?

नहीं, यह पूरी तरह से नए इक्विटी शेयरों का इश्यू होगा; इसमें कोई OFS नहीं होगा।

आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कहां किया जाएगा?

नई मशीनों की खरीद, कर्ज चुकाने और सहायक कंपनियों की वित्तीय मदद में इसका इस्तेमाल किया जाएगा।

क्या कंपनी प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर भी विचार कर रही है?

हां, कंपनी 220 करोड़ रुपये तक के प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर विचार कर सकती है।