नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) मौद्रिक नीति के संचरण में सुधार लाने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को एमएसएमई को दिए जाने वाले ऋणों को एक बाहरी मानक से जोड़ने की सलाह दी है। सरकार ने संसद को यह जानकारी दी है।
बाहरी मानक प्रणाली के तहत ऋणों के पुनःनिर्धारण की अवधि को तीन महीने कर दिया गया है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री शोभा करंडलाजे ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि मौजूदा उधारकर्ताओं को बाहरी मानक आधारित ब्याज दर का लाभ उपलब्ध कराने के लिए, बैंकों को परस्पर सहमति से परिवर्तन का विकल्प प्रदान करने की सलाह दी गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार, भारतीय मानक ब्यूरो और उपभोक्ता मामले के विभाग के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू करती है, जिसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए छूट और राहत शामिल होती है, ताकि इन आदेशों से घरेलू उत्पादन बाधित न हो।
भाषा योगेश पाण्डेय
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